देहरादून, 8 अक्टूबर (जस)। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में निजी एवं सामूहिक खेती की वन्यजीवों से सुरक्षा हेतु वन विभाग, कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। रावत ने आदेश दिये कि कैम्पा, आर.के.वी.वाय., मनरेगा, काॅपरेटिव को मिलाकर 2 साल के लिये 100 करोड़ का एक फ्लैक्सिव प्रोजेक्ट तैयार किया जाए। इसके अन्तर्गत ग्रामीण खेती को वन्यजीवों से सुरक्षित रखने हेतु वन्यजीव रोधी दीवारों का निर्माण किया जाए।
उन्होंने कहा कि इस योजना में निजी एवं सामूहिक खेती दोनों प्रकार की खेती को शामिल किया जाए। सब्जी एवं फलों की सुरक्षा हेतु उद्यान विभाग एवं खेती हेतु कृषि विभाग कार्यकारी संस्था के रूप में जिम्मेदारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोटेक्शन वाॅल बनाने के लिये उपलब्ध करायी जाने वाली राशि का 80 प्रतिशत अनुदान के रूप में दिया जाए जबकि बाकी का 20 प्रतिशत आसान किस्तों में जमा करने की पाॅलिसी तैयार की जाए।
रावत ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में खेती को बचाने हेतु किये जा रहे प्रयास काफी नहीं हैं। इसके लिये अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जाए। जंगली जानवरों को दूर भगाने के लिये उपयोग की जा रही मशीनों के प्रयोग पर भी विचार किया जाए। उन्होंने इस योजना को तैयार कर जनता में प्रचार प्रसार करने के लिये कहा ताकि आमजन को इस योजना की जानकारी मिल सके।
मुख्यमंत्री रावत ने वन विभाग को वनों में घिंघारू, हिंसर, आम व मालू के वृक्षों को उगाने के लिये कैम्पेन के रूप में चलाने को कहा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह पंवार, अपर मुख्य सचिव डाॅ. रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, गढ़वाल आयुक्त व सचिव सूचना विनोद शर्मा, सचिव अमित नेगी, प्रमुख वन संरक्षक आर.के. महाजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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