नई दिल्ली, 29 मई (जनसमा)। उपराष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने कहा है कि आयुर्वेदिक दवा अभी भी हमारे स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक महत्वपूर्ण घटक है। डब्लूएचओ के अनुमान के मुताबिक आधुनिक चिकित्सा तक पहुंच की कमी और सांस्कृतिक कारणों के परिणाम स्वरूप दुनिया की लगभग 65-80% आबादी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों पर अनिवार्य रूप से निर्भर करती है।
वह आज यहां राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ की रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आयुष मंत्री श्रीपाद यशो नायक, राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के अध्यक्ष देवेंद्र त्रिगुणा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सभी को स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बढ़ती चिकित्सा लागत है।
इतिहास हमें बताता है कि अनुभव और आवश्यकता के आधार पर, प्राचीन मिस्र, प्राचीन चीन, प्राचीन भारत, प्राचीन ग्रीस, फारस और अन्य जगहों पर परंपरागत दवाओं का अभ्यास स्वतंत्र रूप से विकसित हुआ है।
हामिद अंसारी ने कहा यह केवल बीमारी के उपचार की व्यवस्था नहीं है बल्कि बीमारी की रोकथाम और संतुलित जीवन शैली के लिए सकारात्मक स्वास्थ्य की व्यवस्था है।
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