शिमला, 11 अक्टूबर (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि हिमाचल में मेडिकल विश्वविद्यालय खोलने के लिए आगामी विधान सभा सत्र में विधेयक लाया जाएगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों के बच्चों तथा आईआरडीपी विद्यार्थियों को मेडिकल शिक्षा निःशुल्क उपलब्ध करवाने का भी निर्णय लिया गया है।
वीरभद्र सोमवार को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के स्वर्ण जयंती समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।
विद्यार्थियों द्वारा शुल्क ढांचे का मामला उठाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और शीघ्र समाधान निकाला जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज का विस्तार किया जा रहा है और इसका दूसरा परिसर भट्ठा कुफर के नजदीक चमियाना में 250 बीघा जमीन पर तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य चिकित्सा लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसी के दृष्टिगत प्रदेश के दूरदराज एवं ग्रामीण क्षेत्रों में और अधिक नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को खोलने की आवश्यकता है, ताकि ग्रामीण जनसंख्या को उनके घरद्वार के निकट आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
उन्होंने कहा कि आईजीएमसी का आरंभ एक छोटे अस्पताल के रूप में हुआ था और आज यह देश के प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थानों में गिना जाता है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह भविष्य में दिन दुगुनी चार चौगुनी उन्नति करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार चिकित्सा शिक्षा तथा शिक्षा के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और राज्य में तीन नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं जिनमें से मेडिकल कॉलेज नाहन में कार्य करना आरंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि शेष दो मेडिकल कॉलेज हमीरपुर तथा चंबा भी शीघ्र ही कार्य करना आरंभ कर देंगे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर डॉ. जोगिंद्र पठानिया की औषध-शास्त्र पर आधारित पुस्तक ‘सुश्रुता’ का विमोचन भी किया। उन्होंने आईजीएमसी के संस्थापक शिक्षकों तथा 1966 के प्रथम बैच के प्राचार्य, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया।
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