चण्डीगढ, 12 अक्तूबर (जस)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार सरस्वती नदी के पुनरुद्धार के लिए पंजाब के जालंधर जिला के गांव सीचेवाल के ‘अपशिष्ट जल-उपचार संयंत्र’ का मॉडल अपनाएगी। मुख्यमंत्री मंगलवार को गांव सीचेवाल और सुल्तानपुर लोधी में अपशिष्ट जल उपचार की परियोजनाओं का दौरा करने के बाद मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है और इसीलिए वे गांव सीचेवाल और सुल्तानपुर लोधी में अपशिष्ट जल उपचार की परियोजनाओं को देखने के लिए स्वयं आए हैं। उन्होंने इस गांव की इन परियोजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि गांव सीचेवाल का मॉडल दूसरे गांवों के लिए एक आदर्श मॉडल है और इसका प्रचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का कोई खर्चा नहीं है इसलिए ऐसी परियोजनाएं हमारे गांवों को स्वच्छ रखने और साफ रखने में सहायता करेंगी।
नमी कटौती किसानों से वसूले जाने के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलरों एवं आढ़तियों द्वारा नमी के मामले में ज्यादा कटौती किए जाने की शिकायतें मिल रही थी जिसके कारण धान खरीद के मामले में यह फार्मूला अपनाना पड़ा। इस फार्मूले से उन शिकायतों पर रोक लग गई है, अब किसान और आढ़ती दोनों ही सरकार के इस फैसले से खुश हैं। उन्होंने कहा जिन किसानों की फसलों में 17 प्रतिशत तक नमी की मात्रा है उनसे कोई अतिरिक्त राशि नहीं वसूली जा रही है।
उन्होंने पराली जलाने के सवाल पर कहा कि पराली जलाने से पर्यावरण में प्रदूषण फैलता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल्द ही एक प्रोजेक्ट लगाने जा रही है जिसमें पराली से ऊर्जा उत्पन्न की जाएगी और इस संबंध में भारतीय तेल निगम से एक समझौते पर हस्ताक्षर भी हुए हैं।
(फाइल फोटो : आईएएनएस)
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