शिमला, 12 अक्टूबर (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के विकास को विशेष प्राथमिकता प्रदान कर रही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उन्हें घर-द्वार पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों। मुख्यमंत्री लाहौल स्पीति जिले के काजा में एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि स्पीति घाटी कभी भी विकास से अछूती नहीं रही है और इस क्षेत्र में अनेक विकासात्मक परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पीति में कार्यरत लगभग 700 दिहाड़ीदार श्रमिकों को पूरे साल रोजगार के साथ-साथ भत्ता प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति के तहत 7 साल पूरा करने वाले श्रमिकों को नियमित किया जाएगा।
उन्होंने क्यामो में स्वास्थ्य उप-केन्द्र खोलने, ‘की गोंपा’ राजकीय माध्यमिक पाठशाला को स्तरोन्नत कर उच्च पाठशाला करने तथा रंगरिक में एक मंजिला मंजुश्री बौध मंदिर को दो मंजिला करने की घोषणाएं भी की।
मुख्यमंत्री ने 3.38 करोड़ रुपये की लागत से स्पीति नदी पर निर्मित 51.816 मीटर लंबे क्यामो-हंसा पुल का लोकार्पण किया। उन्होंने 8.82 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली शिलानाला से काजा-प्रवाह सिंचाई योजना का शिलान्यास भी किया।
इससे पूर्व वीरभद्र सिंह ने आज स्पीति मंडल के लोसर के विश्राम गृह प्रांगण में जनसमस्याएं सुनीं। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने स्पीति में खेल स्टेडियम की मांग रखी जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकृति प्रदान की।
विधायक रवि ठाकुर, पूर्व विधायक व वूल फेडेरेशन के अध्यक्ष रघुवीर सिंह, मुख्य सचिव वी.सी. फारका, स्थानीय वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य लोग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
Follow @JansamacharNews