भोपाल, 13 अक्टूबर (जस)| मध्यप्रदेश के किसानों के लिये शुरू की गई मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना में प्रदेश के 6 लाख से अधिक किसानों को 88 करोड़ 44 लाख रूपये की सहायता दी गई है। योजना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2015 से शुरू की है। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विश्वास सारंग ने यह जानकारी देते हुए बताया कि रबी सीजन 2015-16 से किसानों को इस योजना से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि की लागत को कम करते हुए कृषि उत्पादन के साथ कृषकों की आय में वृद्धि करना और कृषि को लाभप्रद बनाने में उन्हें सहायता करना है। सारंग ने बताया कि योजना में जो किसान प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से अल्पावधि ऋण लेकर उसका 90 प्रतिशत राशि निर्धारित तारीख पर चुकता कर देते हैं, उन्हें इसका लाभ दिया जायेगा। राज्य शासन ने किसानों को यह सुविधा भी दी है कि अगर वह किसी समिति के डिफाल्टर सदस्य हैं तो वे अपना पूर्व का ऋण चुकता कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि किसान अल्पावधि के लिये वस्तु और नगद के रूप में जो ऋण लेंगे, उसमें विपणन संघ, बीज सहकारी संघ या उससे संबद्ध बीज सहकारी समितियों से भी जो किसान खाद-बीज लेंगे वह इस योजना में ऋण वस्तु के रूप में मान्य होगा। योजना में कृषक को दी जाने वाली सहायता अनुदान की सीमा वस्तु ऋण के 10 प्रतिशत के मान से अधिकतम 10 हजार रूपये होगी।
सारंग ने बताया कि अभी तक 38 जिलों के 6 लाख 12 हजार किसानों को लाभ मिला है। उन्हें अनुदान के रूप में 88 करोड़ 44 लाख रूपये की राशि मिली है।
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