रायपुर, 14 अक्टूबर (जस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि दुनिया के सभी धर्मों में मनुष्यों को सच्चाई और अच्छाई के रास्ते पर चलने की शिक्षा दी गई है। इसलिए जेलों में सभी धर्मों के विद्वानों के प्रवचन होने चाहिए, ताकि कैदियों को अच्छाई और नैतिकता की शिक्षा मिल सके। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को संभागीय मुख्यालय जगदलपुर स्थित लगभग 97 साल पुराने केन्द्रीय जेल परिसर में दस करोड़ रूपए की लागत से पांच सौ कैदियों के रहने के लिए निर्मित अतिरिक्त बैरक और 80 बिस्तरों वाले अस्पताल का शुभारंभ करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। उल्लेखनीय है कि यह जेल परिसर लगभग 97 साल पुराना है। इसका निर्माण वर्ष 1919 में किया गया था। समय-समय पर इसका उन्नयन भी होता रहा।
डॉ. रमन सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं जेल में आने की शुभकामनाएं तो किसी को भी नहीं दूंगा, लेकिन जेलों को सुधारगृह के रूप में विकसित करने के सरकार के प्रयासों में सभी लोगों, विशेष रूप से जनप्रतिनिधियों और संबंधित अधिकारियों से सहयोग की उम्मीद जरूर रखूंगा।
उन्होंने कहा कि जगदलपुर जेल परिसर में नवीन ब्लॉक के निर्माण से कैदियों को काफी सहुलियत होगी। राज्य सरकार का यह मानना है कि कैदी भी सामान्य इंसानों की तरह हैं और किसी क्षणिक आवेश में अपराध की वजह से जेल की सजा काट रहे हैं। उन्हें भी सुधरने का अवसर और स्वच्छ वातावरण में रहने की सुविधा मिलनी चाहिए। इसके लिए जेल परिसरों में शुद्ध पेयजल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जेलों में कैदियों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगारमूलक कौशल प्रशिक्षण दिलाने की भी योजना है, ताकि रिहाई के बाद वे भी आम नागरिकों की तरह आत्मनिर्भर बनकर समाज में स्वाभिमान के साथ जीवनयापन कर सके। डॉ. सिंह ने खुशी जताई कि जगदलपुर जेल में कैदियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जेलों को सुधार गृह के रूप में विकसित किया जा रहा है।
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