संयुक्त राष्ट्र, 16 अगस्त। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसारए 14 अगस्त को बड़े पैमाने पर बाढ़ और भूस्खलन के कारण कम से कम 66 लोग मारे गए, जिनमें बच्चे भी हैं और 35 लोग गायब हो गए हैं और कई विस्थापित हो गए हैं । पिछले 15 साल में नेपाल पर यह प्रकृति का बडा हमला है।
संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रेस रिलीज में कहा है कि नेपाल में भारी बाढ़ की वजह से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए नेपाल में ह्यूमेनीटेरियन कंट्री टीम (एचसीटी) को सक्रिय किया गया है।
यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रभावित जिले में तेजी से आकलन किया जा रहा है और शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि कुछ क्षेत्रों में बिजली और इंटरनेट कनेक्टिविटी बाधित हुई है और परिवहन अवसंरचना क्षतिग्रस्त हो गई है। बिराटनगर (देश के दक्षिण में) में स्थित एक प्रमुख हवाई अड्डा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।
प्रतीकात्मक फोटो
“नेपाल में सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होजाने के कारण कई प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान की पूरी जानकारी नहीं है।’’
कम से कम दो जिलों (महातोरी और बैंक) में जल जनित बीमारियों और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी चिंताएं बढ गई हैं।
क्षेत्र से मिली वास्तविक जानकारी में कहा गया है कि नेपाल में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं, विकलांग और अन्य कमजोर समूहों की एक बडी संख्या प्रभावित हुई है।
नेपाल में यह आपदा एक ऐसे समय में आई है जब 2015 की भूकंप की मार से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा था। पांच भूकंप से प्रभावित जिलों में से भी चार एक साल पहले बाढ़ के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए थे।
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