शिमला, 27 अक्टूबर (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गुरूवार को यहां हि.प्र. राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मण्डल की 379वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बागवानों के लिए ऋण की प्रक्रिया काफी उदार होनी चाहिए। बागवान चाहे ऋण खेती, उपकरण अथवा सिंचाई उद्देश्य के लिए ले रहे हों, इन्हें लाभान्वित करने के लिये प्रक्रिया को और अधिक सरल तथा मानकों को उदार बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सहकारी बैंक, विशेषकर किसानों व बागवानों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं अपनाकर बैंक की उन्नति एवं विकास की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह देखकर प्रसन्नता होती है कि बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी शाखाओं का विस्तार कर रहा है, जो ग्रामीण लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने नाबार्ड के बागवानी क्षेत्र पर आधारित दस्तावेज ‘स्टेट्स एंड रिपोर्ट’ का भी विमोचन किया।
हि.प्र. राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष हर्ष महाजन ने निदेशक मण्डल के निदेशकों सहित मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 51 लाख रुपये का चेक तथा वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए सरकार को देय 7,21,920 रुपये के लाभांश का चेक भी भेंट किया।
हर्ष महाजन ने मुख्यमंत्री द्वारा बैंक को पूर्ण समर्थन तथा मार्गदर्शन के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने अवगत करवाया कि बैंक द्वारा राज्य में 21 नई शाखाएं तथा दो विस्तार कांउटर खोलने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड द्वारा बैंक को ‘ए’ पर्यवेक्षी का दर्जा प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि शाखाओं के विस्तार तथा सभी प्रकार की आधुनिक बैंकिंग सेवाओं के कारण पिछले कुछ वर्षों के दौरान बैंक के लाभांश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि बैंक ने वर्ष 2012-13 के दौरान अपने एनपीए में 11.20 प्रतिशत की कमी को 30 सितम्बर, 2016 तक 5.74 प्रतिशत तक लाकर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
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