दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने मंगलवार 20 अगस्त, 2019 को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (former finance minister P Chidambaram) की जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया।
बाद में मंगलवार शाम को केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation ) के अधिकारियों की एक टीम पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) के घर पहुंची। पी चिदंबरम घर पर नहीं हैं।
न्यायालय द्वारा जमानत का अनुरोध खारिज करने के मायने यह है कि पी चिदंबरम (P Chidambaram) को जाँच एजेंसी कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) पर आईएनएक्स मीडिया मामले ( INX Media case) में विदेशी फंडों कीे मंजूरी दिलाने में मदद करने का आरोप है।
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अदालत ने कहा कि जमानत केवल इसलिए नहीं दी जा सकती कि चिदंबरम एक सांसद हैं।
न्यायाधीश ने कहा, ‘मामले के तथ्य यह बताते हैं कि याचिकाकर्ता इस मामले में महत्वपूर्ण साजिशकर्ता है।’
सूत्रों ने कहा कि कपिल सिब्बल के नेतृत्व में चिदंबरम की कानूनी टीम उनके बचाव की रणनीति बना रही है।
आईएनएक्स मीडिया से संबंधित 2007 का 305 करोड़ का यह मामला है, उस समय मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी और पी चिदंबरम (P Chidambaram) वित्त मंत्री थे।
जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया कि धन प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को सरकार की मंजूरी प्रदान करने में चिदंबरम का महत्वपूर्ण योगदान था।
पूर्व मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने इस मामले में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया है।
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