नई दिल्ली, 08 अप्रैल | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत दौरे पर आईं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौजूदगी में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को जमकर सुनाया। मोदी ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए कहा कि जहां भारत और बांग्लादेश विकास की सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं, वहीं दक्षिण एशिया में एक मानसिकता ऐसी भी है, जो आतंकवाद की प्रेरणा और पोषक है और समस्त क्षेत्र के विकास को अवरुद्ध करती है। सन् 1971 के बांग्लादेश युद्ध के शहीदों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में दक्षिण एशिया में तीन महत्वपूर्ण विचारधाराएं मौजूद हैं।
उन्होंने कहा, “हमारा क्षेत्र तीन विचारधाराओं से परिभाषित होता है, जिससे समाज तथा सरकार की सोच की झलक मिलती है। पहली विचारधारा आर्थिक विकास पर केंद्रित है, जिसमें सभी सामाजिक समूहों को साथ लाना है। बांग्लादेश इसका एक उदाहरण है।”
मोदी ने कहा, “दूसरी विचारधारा ‘सबका साथ सबका विकास’ है… भारत के सभी पड़ोसी मुल्कों को भी समृद्ध होना चाहिए। अकेले भारत का विकास अधूरा होगा।”
उन्होंने कहा, “इस मानसिकता के खिलाफ दक्षिण एशिया में एक ही मानसिकता है..एक मानसिकता जो आतंकवाद को बढ़ावा देती है, जो एक मूल्य प्रणाली पर आधारित है और यह मानवता पर नहीं, बल्कि हिंसा व अतिवाद पर आधारित है।”
भारत तथा बांग्लादेश को इसका भुक्तभोगी बताते हुए मोदी ने कहा, “इस विचारधारा का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद का प्रसार करना है। एक ऐसी मानसिकता, जिसमें नीतिनियंता को मानवता से ऊपर आतंकवाद, निर्माण से बड़ा विध्वंस और विश्वास से बड़ा विश्वासघात लगता है। यह मानसिकता शांति, सामाजिक समरसता तथा विकास के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। यह मानसिकता समस्त क्षेत्र के विकास के लिए बाधक है।”
उन्होंने कहा, “हम कामना करते हैं कि सभी देशों के लोग विकास की तरफ अग्रसर हों। लेकिन, इस आतंकवादी मानसिकता से मुक्ति पाने की जरूरत है।”
बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के दौरान मोदी ने यह भी कहा कि यह समय उस मानसिकता को खारिज करने का है, जो हजारों निर्दोष लोगों की हत्या का कारण बनती है।
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