छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में वन विभाग द्वारा जंगली हाथियों (wild elephants) से प्रभावित गांवों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हें और लगातार निगरानी रखी जा रही है।
विगत 5 मई से 19 जंगली हाथियों (wild elephants) का झुण्ड बागबाहरा वन परिक्षेत्र के ग्राम छिन्दोला तथा खलियापारा के बीच पहाड़ी के आसपास विचरण कर रहे है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अतुल कुमार शुक्ल के की देख-रेख में महासमुंद जिले के बागबाहरा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम छिनदादर, खलियापारा तथा तुलसीपारा आदि गांवों में फ्लड लाइट्स के माध्यम से पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था की गई है।
साथ ही वन विभाग के गठित दल द्वारा प्रभावित क्षेत्र में चौबीसों घण्टे निगरानी के लिए गश्त लगाई जा रही है।
उक्त गश्ती दल का गठन महासमुंद जिले के वनमंडलाधिकारी मयंक पाण्डेय और गरियाबंद जिले के वनमंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
विभाग द्वारा संबंधित क्षेत्र के गांवों में मुनादी कर जंगली हाथियों (wild elephants) के विचरण के बारे में लगातार जानकारी दी जा रही है।
ग्रामीणों को जंगल की ओर जंगली हाथियों (wild elephants) के विचरण वाले क्षेत्र में नहीं जाने के लिए भी सचेत किया जा रहा है। साथ ही गांव-गांव में पॉम्पलेट आदि प्रचार सामग्री का वितरण कर हाथी तथा वन्य प्राणियों से सुरक्षा के लिए आवश्यक जानकारी दी जा रही है।
गौरतलब है कि बागबाहरा वन परिक्षेत्र के आसपास विचरण कर रहे जंगली हाथियों (wild elephants) के झुण्ड में शामिल मादा हाथी ‘चंदा‘ को रेडियो कॉलर किया गया है।
इससे जंगली हाथियों (wild elephants) के झुण्ड के विचरण के बारे में सेटेलाईट के माध्यम से आसानी से जानकारी मिल जाती है।
जंगली हाथियों (wild elephants) के उक्त झुण्ड के विचरण की जानकारी सबसे पहले महासमुंद के वनमण्डलाधिकारी को मिलती है। इनके द्वारा गरियाबंद जिले सहित आसपास के अन्य वनमण्डलाधिकारियों को हाथियों के झुण्ड के विचरण मार्ग और क्षेत्र के बारे में अवगत कराया जाता है और इसके अनुसार सुरक्षा के लिए तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जाती है।
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