भोपाल, 26 सितम्बर। मध्य प्रदेश के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ‘ब्लू व्हेल चैलेंज गेम’ से दूर रखने के लिये राज्य शिक्षा केन्द्र ने प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को पत्र लिखकर बच्चों को लगातार समझाने और इस गेम से दूर रहने की सलाह दी है।
पत्र में कहा गया है कि ‘ब्लू व्हेल चैलेंज गेम’ अपराधी किस्म के लोगों द्वारा फैलाया हुआ एक जंजाल है। इसमें बच्चे उलझकर रह जाते हैं और इससे बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। कुछ प्रकरणों में बच्चों ने इस खेल में उलझकर आत्म-हत्या करने का प्रयास भी किया है।
प्रदेश में प्राइमरी और मिडिल स्कूल में मोबाइल का उपयोग रेडिएशन प्रभाव और बाल मन पर विपरीत प्रभाव को देखते हुए प्रतिबंधित है। शिक्षकों से कहा गया है कि बच्चों को समझाइश देने के नैतिक दायित्व का तत्परता से निर्वहन करें। साथ ही, यदि बच्चों के मोबाइल में इस गेम के लिंक होने की जानकारी मिले, तो उसे तत्काल हटवाने की प्रभावी कार्यवाही करें।
प्रधानाध्यापकों से कहा गया है कि पेंरेट्स मीटिंग के दौरान भी बच्चों के परिजनों को इस बुराई के संबंध में आगाह करें तथा बच्चों पर लगातार निगरानी रखने की सलाह दें। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश में 88 हजार 431 प्राइमरी और 54 हजार 775 मिडिल स्कूल हैं।
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