बीजिंग, 30 जुलाई | भारत ने अपने कारोबारियों को चेताया है कि वे अपने चीनी समकक्षों के साथ सौदा करते वक्त एहतियात बरतें, क्योंकि वे ऑर्डर की जगह पर पत्थर, ईंट, कीचड़, नमक जैसी चीजें भेज सकते हैं।
शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा इस सप्ताह जारी परामर्श के मुताबिक, “भारतीय कारोबारियों/लघु व मध्यम उद्योगों ने ऐसे कुछ जोखिमों का सामना किया है, जिसके मद्देनजर यह परामर्श जारी किया जा रहा है, ताकि वे बचाव संबंधी उपाय अपना सकें। इसका मकसद भारत एवं चीन के बीच वाणिज्यिक सहयोग को बढ़ावा देना है।”
परामर्श में कहा गया है कि कारोबारियों को रसायन, सिलिकॉन, कार्बाइड, एल्युमिनियम व जिंक इंगोट्स, शेलेक, प्लास्टिक्स, पॉलिमर्स इत्यादि की जगह बालू, पत्थर, नमक, ईंट व कीचड़ भेजकर उनके साथ धोखा किया जा सकता है।
अतीत में भी इस तरह का परामर्श भारतीय दूतावास की वेबसाइट पर जारी किया जा चुका है।
भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने परामर्श को नियमित गतिविधियों का हिस्सा बताया।
भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “द्विपक्षीय व्यापार बढ़ रहा है। यह परामर्श कारोबारी विवाद से बचने के लिए कारोबारियों को यथोचित परिश्रम के लिए उत्साहित करता है।”
अधिकारी ने कहा, “यह नियमित की जाने वाली गतिविधि है। ज्यादा गहराई में मत जाइए।”
बीते कुछ महीनों के दौरान लगातार कई मुद्दों को लेकर दोनों देशों के बीच संबंध प्रभावित हुए हैं। सबसे हालिया मुद्दा भारत द्वारा चीन के तीन पत्रकारों के वीजा का नवीनीकरण करने से मना करना है।
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के प्रयास में चीन द्वारा रोड़ा अटकाना भी तनाव की एक वजह है।
दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा साल 2015-16 में अप्रैल-जनवरी की अवधि में बढ़कर 44.7 अरब डॉलर हो गया है।
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