भूमिगत तेल भंडारण सुविधा का लाभ लेने के लिए सोमवार को आबूधाबी में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। भारत आने वाले दिनों में देश की 21 दिनों की पेट्रोल और डीजल की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो जाएगा।
भारत अपनी तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए मौजूदा तेल भंडारों की क्षमता को बढ़ा रहा है। नये बनाये जाने वाले तेल भंडार मिलकर देश की 21 दिनों की तेल जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे।
आबूधाबी की राष्ट्रीय तेल कंपनी एडनॉक ने कर्नाटक के पदूर में आईएसपीआरएल द्वारा कच्चे तेल के भंडारण के लिए बनाई गई भूमिगत भंडारण सुविधा का लाभ लेने के लिए सोमवार को आबूधाबी में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
यह समझौता भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच तेल क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी को ओर मजबूत बनाने का काम करेगा।
आईएसपीआरएल (भारतीय कंपनी इंडियन पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड ) के पदूर स्थित भूमिगत भंडारों में 2.5 मिलियन कच्चे तेल के भंडारण की क्षमता है।
आईएसपीआरएल ने 5.33 मिलियन टन क्षमता वाले तीन भूमिगत भंडार बनाये हैं इनमें से विशाखापट्नम स्थित भंडार की क्षमता 1.33 मिलियन टन, मेंगलौर की 1.5 मिलियन टन और पदूर की 2.5 मिलियन टन है।
यह तेल भंडार पिछले वित्त वर्ष के खपत आंकडों के अनुसार देश की साढ़े नौ दिनों की तेल जरूरतें पूरा कर सकते हैं।
भारत सरकार ने ओडिशा के चांदीखोल में 40 मिलियन टन और पदूर में 2.5 मिलियन टन क्षमता वाले दो नये तेल भंडार बनाये जाने की घोषणा जून 2018 में की थी।
इस भूमिगत भंडार में आपात जरूरतों के लिए कच्चे तेल का भंडारण किया जाएगा।
इससे पहले एडनॉक आईएसपीआरएल की मेंगलौर स्थित भूमिगत भंडार सुविधा के लिए चार नवंबर को ही कच्चे तेल की खेप भेज चुकी है।
मंगलौर में एडनॉक की ओर से भेजे गये 5.86 मिलियन बैरल कच्चे तेल का भंडारण किया जाएगा।
समझौता ज्ञापन पर आबूधाबी अतंर्राष्ट्रीय पेट्रोलियम प्रदर्शनी और सम्मेलन से इतर एडनॉक के विपणन, बिक्री और ट्रेडिंग विभाग के निदेशक अब्दुल्ला सलेम अल दाहेरी और आईएसपीआरएल के प्रबंध निदेशक एचपीएस आहूजा की ओर से हस्ताक्षर किये गये।
इस अवसर पर संयुक्त अरब अमीरात के राज्य मंत्री और एडनॉक समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुल्तान अहमद अल जबैर तथा केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उपस्थित थे।
अल जबेर ने इस मौके पर कहा कि भारत सऊदी अरब के लिए एक बड़ा तेल बाजार है।
ऐसे में भारत और सऊदी अरब की तेल कंपनियों के बीच साझेदारी से एक दूसरे के तेल संसाधनों का लाभ लेने के साथ ही इस क्षेत्र से जुड़े अनुभव भी साझा किये जा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते है कि आज किये गये समझौते से एडनॉक भारत को बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का निर्यात कर सकेगा, जिससे भारत की बढ़ती मांग पूरी हो सकेगी।
एडनॉक अकेली विदेशी तेल कंपनी है जिसने पेट्रोलियम भंडारण कार्यक्रम के तहत भारत में कच्चे तेल का निवेश किया है।
धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर कहा कि आज वे करार से आईएसपीआरएल को एडनॉक के साथ मिलकर कर्नाटक के पदूर में कच्चे तेल के भंडारण के अवसरों को खोजने का मौका मिलेगा।
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