
“The Siachen Pioneers”, Leh based Helicopter Unit carrying out casevac mission in Ladhak sector, at Leh on 19 Jan 2018.
जम्मू कश्मीर के लद्दाख सेक्टर में शुक्रवार को लेह स्थित भारतीय वायु सेना के ‘सियाचिन पायनियर्स- 114’ ने जंस्कार घाटी के दूर दराज वाले क्षेत्र में एक साहसिक केसवाक मिशन का संचालन किया, जिसमें एक घायल व्यक्ति को टिब्बा गुफा से इलाके सुरक्षित बचा लिया गया।
अत्यधिक ठंड से बर्फ की तरह जम चुकी जंस्कार नदी पर आयोजित किये गए साहसिक अभियान ‘चादर ट्रेक‘ का यह घायल व्यक्ति एक सदस्य था।
इस घायल व्यक्ति के बारे में सूचना मिलते ही एक क्रू हेलिकॉप्टर में वहां पहुंच गया। बेहद दुर्गम क्षेत्र होने के कारण इस मिशन के लिए दो हेलिकॉप्टर बुलाये गए। इसका अर्थ यह कि अगर एक हेलिकॉप्टर दुर्गम घाटियों के बीच कहीं जमीन पर उतरे तो दूसरा सहायता के लिए वहां हो।
बर्फीली घाटियों वाले इस दूरदराज इलाके में पुख्ता संचार व्यवस्था न होने के कारण संचार समन्वय करना मुश्किल काम था। विपरीत और बेहद ठण्डे मौसम में एयर क्रू को बर्फीले पहाड़ों एवं जंस्कार घाटी की दरारों में घायल को खोजना आसान नहीं था।
जैसे ही घायल को खोज लिया गया, कैप्टन विंग कमाण्डर खान ने महसूस किया कि तंग घाटी के बीच में हेलिकॉप्टर की लैंडिंग एक मुश्किल और खतरनाक कार्य हो सकता है।
इस कठिन परिस्थिति में बिना डिगे एवं यूनिट के इस ध्येय के अनुरूप कि ‘ हम कठिन कार्य तो रूटीन के तहत करते हैं और असंभव कार्य में बस थोड़ा अधिक समय लग सकता है‘ क्रू ने बेहद कम स्थान में हेलिकॉप्टर को उतार कर असाधारण कौशल का परिचय दिया। हेलिकॉप्टर को पहाड़ों के बीच में नदी के किनारे टिब्बा गुफा के चट्टानी रास्ते पर उतार दिया।
दूसरे हेलिकॉप्टर ने पहले हेलिकॉप्टर को हवा में मंडराते हुए सहयोग दिया और इस साहसिक किन्तु बेहद मुश्किल काम को अंजाम दिया। इस प्रकार इस अभियान में एक घायल को बर्फीली घाटी के बीच से सुरक्षित बचा लिया गया। इस प्रकार भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर ने एक बहुमूल्य जीवन बचाकर समाज की बहुत बड़ी सेवा की।
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