दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण (Air pollution) आज भी लगातार चौथे दिन गंभीर बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 15 नवंबर को शाम दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 463 दर्ज किया गया जो गंभीर श्रेणी में आता है।
दिल्ली में प्रदूषण (Pollution) कम करने के लिए वाहनों को विषम-सम (odd-even) संचालित किया जारहा है किन्तु कालिख कम होने का नाम नहीं ले रही है।
डाॅक्टरों का कहना है कि स्मोग के कारण बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर जहाँ अत्यंत बुरा असर हो रहा है वहीं स्वस्थ इंसान भी प्रदूषण के प्रभाव से बच नहीं सकते।
उच्चतम न्यायालय ने वायु प्रदूषण (Air pollution) के मामले में उठाये गए कदमों की जानकारी लेने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों को तलब किया।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि प्रदूषण (Air pollution) दूर करने के लिए कारगर कदम उठाए जाने चाहिए और दिल्ली में अत्यधिक वायु प्रदूषण(Air pollution) वाले 13 स्थानों को प्रदूषक तत्वों से मुक्त किया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने विषम-सम योजना के दौरान दुपहिया और तिपहिया वाहनों सहित कुछ वाहनों को छूट देने को लेकर दिल्ली सरकार से सवाल किया और कहा कि विषम-सम योजना लागू होने के बावजूद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।
न्यायालय ने पराली जलाने में कमी के बावजूद दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air pollution) का स्तर बदतर होने पर भी चिंता व्यक्त की।
दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air pollution) का असली कारण पडोसी राज्यों में पराली जलाना (stubble burning) है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए सभी एजेंसियों को एकजुट हो जाना चाहिए। नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि सरकार प्रदूषण के मुद्दे को लेकर बहुत गंभीर है और पहली बार सरकार ने एयर शेड की अवधारणा को मान्यता दी है।
दिल्ली में स्कूल आज बंद रहे।
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