लखनऊ, 14 सितम्बर | उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल में सरकार और सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर अंदरूनी कलह और तेज हो गई है। मंगलवार देर रात सपा में बड़ा उलटफेर हुआ। चुनावों में पार्टी का चेहरा रहने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाथ से संगठन की कमान लेकर शिवपाल यादव को सपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया, जिसके जवाब में देर रात मुख्यमंत्री ने शिवपाल से सभी महत्वपूर्ण विभाग वापस ले लिए। मुख्यमंत्री के इस फैसले को लेकर शिवपाल ने अभी अपनी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सपा के सूत्रों का कहना है कि वह इस अपमान को सहन नहीं करेंगे और बुधवार दोपहर तक मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देंगे।
सपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी में बदलाव की पटकथा सोमवार को उसी वक्त से लिखी जाने लगी थी, जब पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की सहमति के बगैर ही मुख्यमंत्री अखिलेश ने दो मंत्री बर्खास्त कर दिए थे। सोमवार की रात और फिर मंगलवार की शाम मुलायम, शिवपाल और अमर सिंह के बीच घंटों बैठक चली। इस दौरान शिवपाल यादव के पार्टी संगठन के अनुभवों का लाभ उठाने का फैसला किया गया।
इसके बाद फैसला लिया गया कि अखिलेश मुख्यमंत्री रहें, लेकिन संगठन का कामकाज शिवपाल संभालेंगे। इसकी घोषणा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो़ रामगोपाल यादव ने मंगलवार को एक पत्र जारी कर की।
प्रदेश अध्यक्ष का पद वापस लिए जाने से खफा मुख्यमंत्री अखिलेश ने शिवपाल से लोक निर्माण, सिंचाई विभाग व राजस्व विभाग वापस ले लिया। उन्हें अब समाज कल्याण एवं भूमि परती विकास मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
वहीं, इस बीच शिवपाल की मान-मनौव्वल तेज हो गई है। कई अहम विभाग से हटाए जाने से खफा कैबिनेट मंत्री शिवपाल को मनाने के लिए उनके बेटे आदित्य यादव, पत्नी सरला यादव लखनऊ से सैफई पहुंच गए हैं। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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