लखनऊ , 19 अक्टूबर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्डो के वितरण की शुरुआत की। पहले चरण में लखनऊ के 100 लाभार्थी परिवारों को कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर राशन कार्ड दिया गया। कुछ सवालों के जवाब में हालांकि अखिलेश ने कहा कि आज वह कुछ नहीं बोलेंगे। इस दौरान पत्रकारों के सवालों से बचने के लिए अखिलेश ने कहा, “आप लोगों को क्या चाहिए गेहूं या चावल! इसके बाद वह मात्र 13 मिनट में ही कार्यक्रम समाप्त कर चले गए। राजनीति से संबंधित किसी सवाल का अखिलेश ने कोई जवाब नहीं दिया।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी अपने काम से बोलते हैं। राशन कार्ड बांटकर एक अच्छी शुरुआत हो रही है। इससे पहले भी सरकार ने कई ऐसी योजनाएं चलाई हैं, जिनका लाभ लोगों को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने समाजवादी पेंशन योजना चलाई, जिसका लाभ लगभग 55 लाख लोगों को मिल रहा है। इस योजना में कोई भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकता। अपने काम के दम पर उत्तर प्रदेश में सपा की दोबारा सरकार बनेगी।
अखिलेश ने कहा कि अगली सरकार में और अधिक पारदर्शी तरीके से योजनाओं का संचालन और क्रियान्वयन कराया जाएगा, ताकि विरोधी सवाल न खड़ा कर सकें।
सपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि आप भी जानते हैं कि इसमें कौन शामिल होता है।
सपा के रजत जयंती समारोह में हिस्सा लेने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
गौरतलब है कि प्रदेश के 28 जिलों में जनवरी से और 47 जिलों में मार्च से खाद्य सुरक्षा योजना तो लागू हो गई, लेकिन योजना में शामिल परिवारों को अब तक राशन कार्ड नहीं मिला था। इसी वजह से कई परिवारों को पता भी नहीं था कि वे योजना में शामिल हैं या नहीं।
हालांकि शुरुआती चरण में करीब 40 फीसदी पात्र परिवारों के राशन कार्ड तैयार करने का दावा किया गया, लेकिन इसमें कमजोर कागज का कवर पेज होने के कारण वितरित नहीं किया गया।
इसके उपाय के तौर पर 12 करोड़ रुपये के खर्च से कार्डो पर प्लास्टिक कवर चढ़ाने की योजना बनाई गई। उधर राशन कार्ड छपाई का काम करा रहे कल्याण निगम ने भी 20 अक्तूबर तक सभी राशन तैयार करने का दावा किया था। –आईएएनएस
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