लखनऊ, 29 जनवरी | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के गठबंधन के ऐलान के बाद रविवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पहली बार एक साथ दिखाई दिए। इस दौरान हालांकि दोनों से काफी तीखे सवाल किए गए, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे का बचाव किया। दोनों युवा नेताओं ने साफतौर पर कहा कि उप्र में नफरत और बांटने की राजनीति नहीं करने दी जाएगी।
लखनऊ के ताज होटल में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शुरुआत राहुल गांधी ने की। उन्होंने कहा, “मोदी के शब्दों में यह गठबंधन ट्रिपल ‘पी’ की तरह है। यानी प्रोग्रेस, प्रॉस्पेरिटी और पीस।” वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि राहुल और वह विकास, खुशहाली के पहिए हैं और प्रदेश को मिलकर आगे बढ़ाएंगे।
राहुल ने कहा, “उत्तर प्रदेश में पहला शब्द उत्तर है। यह गठबंधन एक जवाब है। इतिहास में उप्र ने दुनिया को जवाब दिया है। 1857 में कंपनी राज था, उप्र की प्रोग्रेसिव सोच मिली और कंपनी राज का मिलकर जवाब दिया गया।”
उन्होंने कहा, “हम गुस्से की राजनीति, बांटने की राजनीति और कंपनी को हिंदुस्तान का धन देने की राजनीति का जवाब दे रहे हैं। एक प्रकार से गंगा और यमुना का मिलन हो रहा है।”
इसके बाद अखिलेश ने कहा, “राहुल गांधी ने बात जहां छोड़ी, मैं वहीं से शुरू करता हूं। लोकसभा में हम साथ रहे। हम एक-दूसरे को जानते हैं। बड़ी बात यह है कि हमें अब साथ काम करने का मौका मिला है। आबादी के लिहाज से उप्र एक बड़ा प्रदेश है, देश को राह दिखाता है। मैं भरोसा दिला सकता हूं कि जिस रफ्तार से उप्र में काम हुआ है, कांग्रेस के आ जाने से और भी तेजी से काम होगा।”
अखिलेश ने कहा, “किसी को शक नहीं है कि यह गठबंधन 300 से ज्यादा सीटें जीतेगा।”
अखिलेश ने कहा, “चुनाव में कम समय बचा है। पहली बार ऐसा हो रहा है, जब उप्र में लोगों ने मन में ही सरकार बना ली है। उन्हें जवाब मिलेगा, जिन्होंने लोगों को लाइन में खड़ा कर दिया। अब लोग लाइन में लगकर नोटबंदी का जवाब देंगे।”
पत्रकारों ने जब कांग्रेस के ’27 साल उप्र बेहाल’ के जुमले पर सवाल पूछा तो राहुल ने कहा, “मैंने एक कार्यक्रम में यह बात कही थी कि अखिलेश अच्छा लड़का है, उसे काम नहीं करना दिया जा रहा। हम क्रोध और गुस्से की राजनीति को रोकना चाहते हैं, इसलिए यह गठबंधन किया है।”
उन्होंने कहा, “अखिलेश और मेरा रिश्ता दोस्ती का है। हम उप्र के युवाओं को नए तरीके की राजनीति देना चाहते हैं। सपा कांग्रेस में कई समानताएं हैं, हम इस पर चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों पार्टियों को इसमें आगे बढ़ना होगा।”
उन्होंने कहा, “हमारी सोच है कि गंगा और यमुना की धारा को एक साथ लाया जाए। एक विचारधारा के सभी लोग एक साथ आएं और सांप्रदायिक शक्तियों को बताएं कि उत्तर प्रदेश के डीएनए में क्रोध नहीं है।”
इस गठबंधन को 2019 तक ले जाने के सवाल पर राहुल ने कहा, “हमारा गठबंधन उप्र में सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए किया गया है। लोकसभा चुनाव में गठबंधन होगा या नहीं इस पर चर्चा के रास्ते खुले हैं।”
कैराना मामले में भाजपा द्वारा कार्यबल बनाने की बात पर अखिलेश ने कहा कि कार्यबल उन्हीं को पकड़ेगा। भाजपा द्वारा लगाए गए आरोप कि भ्रष्टाचारी और गुंडागर्दी करने वाले एक साथ आए हैं, के बारे में पूछे गए सवाल पर राहुल ने कहा कि भ्रष्टाचारी तो वे हैं।
1996 में नरसिम्हा राव ने बसपा के साथ समझौता किया था, 21 साल बाद कांग्रेस सपा के साथ गठबंधन कर रही है। इस सवाल पर राहुल ने कहा, “इतिहास बदलता रहता है। यह कहना कि उस समय गठबंधन गलत था, तो इस समय भी गलत है, ठीक नहीं है। उस समय गठबंधन गलत था, इस समय ठीक है। देश के लिए, कांग्रेस के लिए और सपा के लिए भी।”
प्रियंका के प्रचार में शामिल होने के सवाल पर राहुल ने कहा, “वह मेरी बहन हैं, मुझे पूरा सहयोग करती हैं। प्रचार में आने, नहीं आने का फैसला वह खुद करेंगी।”
रायबरेली और अमेठी की सीटों पर मतभेद को लेकर राहुल ने कहा कि रायबरेली, अमेठी की सीटों पर कांग्रेस कितनी सीटों पर लड़ेगी, यह बड़ा मुद्दा नहीं है। केंद्रीय मुद्दा यह है कि हमें भाजपा की झूठ की राजनीति, नोटबंदी की राजनीति को खत्म करना है।
मायावती को इस गठबंधन में शामिल किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर राहुल ने कहा, “मायावती और आरएसएस की तुलना नहीं की जा सकती। मैं मायावती का व्यक्तिगत तौर पर सम्मान करता हूं। कांशीराम का भी वैसे ही सम्मान करता हूं।”
उन्होंने कहा, “मायावती और भाजपा में अंतर है। भाजपा क्रोध फैलाती है, एक-दूसरे से सभी को लड़ाती है। उसकी विचारधारा से देश को खतरा है। मायावती की विचारधारा से देश को खतरा नहीं है।”
अखिलेश के प्रदर्शन पर राहुल ने कहा, “एक बात मैं अखिलेश के बारे में कह सकता हूं कि इनकी सोच सही है। कोशिश भी पूरी है। हम जानते हैं कि अखिलेश की नीयत सही है। वह चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश को बदलें। इसीलिए हम साथ हैं।”
उन्होंने कहा, “आरएसएस और भाजपा की नीयत साफ नहीं है। मोदी जी कहते हैं कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ हूं। ‘मेक इन इंडिया’ करना चाहता हूं, लेकिन सब खोखले हैं। भ्रष्टाचार में सुखबीर बादल के साथ हैं।”
राममंदिर के मुद्दे पर राहुल ने कहा, “मामला अदालत में है, इस पर बहुत से लोग बहुत-सी बातें करते हैं। मैं इसमें कुछ नहीं कह सकता।”
–आईएएनएस
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