सुभाष के. झा===
मुंबई, 9 सितम्बर | अक्षत वर्मा ने ‘डेल्ही बैली’ जैसी फिल्म बनाई थी, जिसे लेकर उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। अब ‘महाभारत’ का अपना संस्करण ‘मामाज ब्यॉज’ लेकर आए हैं जो बेहतरीन है। खासतौर से इसमें मरबूम रजाक खान की भूमिका बेहद अच्छी है जिन्होंने शकुनी मामा की भूमिका निभाई है।
यह एक लघु फिल्म है, जिस पर कई लोगों को भौंहे चौड़ी हो सकती है, क्योंकि उन्होंने महाभारत के बहुपति प्रथा पर निशाना साधा है।
वर्मा ने महाभारत की कहानी पर लघु फिल्म बनाई है जिस पर विवाद होने की पूरी संभावना है।
यह अर्जुन (अमोल पारेसकर) द्वारा द्रौपदी को शादी कर घर लाने से शुरू होती है। कुंती (नीना गुप्ता) रसोई में टिंडे पका रही है।
द्रौपदी की भूमिका अदिति राव हैदरी ने निभाई है जो बेहद खूबसूरत दिखती है। जब सभी पांडव शादी को तैयार हो जाते हैं तो भीम (अरुणोदय सिंह) द्रौपदी को जिम में देखकर कुछ ज्यादा ही सेक्स के लिए व्याकुल हो जाता है। यहां ऐसा प्रतीत होता है कि द्रौपदी भी केवल अर्जुन को पाकर खुश नहीं है।
अमोल परासर ने अर्जुन की भूमिका निभाई है। युद्धिस्ठिर की भूमिका अक्षय ओबेरॉय ने निभाई है। वो द्रौपदी में रूचि लेने की बजाए जुआ में ज्यादा रुचि लेता है।
सहदेव (जिम सार्भ) द्रौपदी में उस तरीके से रुचि (यौन) नहीं लेता है और नकुल (विवान शाह) की रुचि भी दूसरी चीजों में है।
यहां पर शॉपिंग मॉल में एक मनोरंजक दृश्य है जिसमें हमेशा सेक्स में डूबी दिखने वाली द्रौपदी अपनी करीबी सहेली को बताती है कि उसके पांच की बजाए तीन पति ही उसमें यौन रुचि रखते हैं।
जब कुंती नकुल और सहदेव को बताती है कि वे दोनों की शादी जुड़वा बहनों से कर रही है तो क्या वे करना चाहेंगे। तो सौरभ का जबाव होता है, “मामा मैं खुशी से पागल हो जाउंगा।”
इससे ज्यादा विस्तार में मैं नहीं बताउंगा, लेकिन वर्मा ने इस लघु फिल्म में बेहतरीन काम किया है। यह एक मजेदार लघु फिल्म है। ऐसे दौर में जब इस तरह के विषय पर फिल्म बनाना जोखिभ भरा है। वर्मा ने साहस का परिचय दिया है। और हां यह फिल्म तीन सितारा पाने के लायक है। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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