नई दिल्ली, 7 दिसम्बर| लोकसभा की कार्यवाही में लगातार बाधा से नाराज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बुधवार को यह जानने की मांग की कि इतने हंगामे के बीच लोकसभा के संचालन की मंजूरी क्यों दी जा रही है? बुधवार को अपराह्न एक बजे से पहले सदन की कार्यवाही जैसे ही स्थगित हुई, सामान्य तौर पर शांत रहने वाले आडवाणी अपनी सीट पर खड़े हो गए और संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार से पूछा कि सदन का संचालन आखिर कौन कर रहा है।
आडवाणी के इस रुख से भाजपा के अन्य सदस्य अवाक रह गए। आडवाणी यह कहते हुए सुने गए कि न तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और न ही संसदीय मामलों के मंत्री का हालात पर नियंत्रण नजर आ रहा है।
सदन में विपक्ष द्वारा नोटबंदी के मुद्दे से संबंधित नारे लगाने के बावजूद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा बुधवार को प्रश्नकाल तथा शून्यकाल जारी रखने के बीच आडवाणी की यह कड़ी टिप्पणी सामने आई है।
संसद के सबसे सम्मानीय सांसदों में गिने जाने वाले आडवाणी ने कहा, “न तो अध्यक्ष और न ही संसदीय मामलों के मंत्री सदन का संचालन कर रहे हैं।”
अनंत कुमार द्वारा उन्हें शांत करने के प्रयासों के बीच आडवाणी ने कहा, “मैं अध्यक्ष से यह कहने जा रहा हूं कि वह सदन का संचालन नहीं कर रही हैं। विपक्ष तथा सरकार, दोनों ही सदन को संचालित करने में अक्षम हैं।”
उन्होंने पूछा कि लोकसभा की कार्यवाही कब तक के लिए स्थगित हुई है। जब उन्हें बताया गया कि अपराह्न दो बजे तक के लिए, तो भाजपा के दिग्गज ने कहा, “अनिश्चितकाल के लिए क्यों नहीं?”
अवाक नजर आ रहे अनंत कुमार से आडवाणी ने कहा कि या तो लोकसभा को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं या उनके साथ शांति बनानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हंगामे व नारेबाजी के बीच सदन की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए, क्योंकि भारतीय संसद के बारे में इससे सकारात्मक संदेश नहीं जाएगा।
बीते 16 नवंबर को शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन से ही लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण लगातार बाधित होती आ रही है।
कूच बिहार से सांसद रेणुका सिन्हा को श्रद्धांजलि देने के बाद लोकसभा की पहले दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।
मंगलवार को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।
इन दो दिनों के अलावा, शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में हर दिन हंगामा हुआ है। विपक्ष मतदान के प्रावधान के साथ नोटबंदी पर चर्चा करने की अपनी मांग पर अड़ा हुआ है।
सरकार हालांकि चर्चा के लिए राजी है, लेकिन वह मतदान नहीं चाहती। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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