कोविड-19 के कारण लाॅकडाउन के दौरान जयपुर शहर ग्रामीण इलाके में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ‘डोर टू डोर’ जाकर माहवारी के दौरान स्वच्छता के बारे में जानकारियाँ दीं और निःशुल्क सेनेट्री पैड्स(sanitary pads) वितरित किये।
कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के समय पूरे परिवार का ध्यान रखने वाली महिलाओं के लिए स्त्रीत्व की जिम्मेदारी के साथ मिली हर माह की चुनौती को मैनेज करना पिछले दो माह काफी मुश्किल भरा रहा।
महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक श्रीमती उषा शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के समय बाजार आने-जाने की पाबंदी एवं संकोच के कारण कई महिलाएं अपनी इस मूलभूत जरूरत सेनेट्री पैड्स(sanitary pads) के लिए परेशानी का अनुभव कर रही थीं।
इन दिनों में होने वाले संक्रमण की आशंका से बचाव के लिए अच्छी गुणवत्ता के सेनेट्री पैड्स (sanitary pads) मिलना उनका हक हैं।
माहवारी हर महिला के लिए चुनौती भरा समय होता है। यह अवधि शारीरिक और मानसिक रूप से हर महिला के लिए कष्टदायी होती है। ऎसी स्थिति में परिस्थिति और भी विकट तब हो जाती है जब आवश्यकता के समय महिला के पास सेनेट्री पैड्स(sanitary pads) न हो और उसे मजबूरी में अस्वच्छ तरीकों का इस्तेमाल करना पड़े।
ग्रामीण और निम्न आयवर्ग की महिलाएं, बालिकाएं संकोचवश अपनी इस मूलभूत आवश्यकता को बता नहीं पाती है परिणाम स्वरूप अस्वच्छ तरीकों को अपनाते हुए बीमार पड़ जाती हैं।
अब तक विभाग द्वारा विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से दो माह में करीब सवा लाख सेनेट्री पैड्स(sanitary pads) का वितरण जिले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया।
जयपुर शहर के अलावा दूदू,सांभर, शाहपुरा, कोटपूतली के ग्रामीण शहरी क्षेत्रों, जयपुर के कोरोना संक्रमित क्षेत्रों, विद्याधर नगर अंबाबाड़ी में चार हजार से अधिक सेनेट्री पैड्स(sanitary pads) उपलब्ध करवाए गए।
कुल मिलाकर विभिन्न श्रेत्रों में 1 लाख 20 हजार से अधिक सैनेटरी नैपकिन्स का वितरण किया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत मानदेय कर्मियों को प्रो बॉडी बैलेंस लिमिटेड जयपुर एवं यूनिचार्म इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जयपुर, परी ब्रांड, इंदौर द्वारा सेनेट्री नैपकिन उपलब्ध करवाये गये।
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