सीजीएसटी (CGST) दिल्ली साउथ कमिश्नरेट की एंटी-एविडेंस विंग( Anti-Evasion wing) ने आज यहां इनवर्ट ड्यूटी स्ट्रक्चर के लिए दिए गए रिफंड की सुविधा का फायदा उठाकर सरकारी खजाने को ठगने के एक नए तरीके के साथ फर्जी चालान और जीएसटी धोखाधड़ी (GST fraud) का एक और मामला सामने आया है।
जीएसटी धोखाधड़ी (GST fraud) में शामिल 120 से अधिक संस्थाएं अब तक प्रकाश में आई हैं, जिसमें रुपये का नकली चालान शामिल है। 1,600 करोड़ और 241 करोड़ रुपये की कर चोरी।
जीएसटी धोखाधड़ी (GST fraud) जांचों ने फर्जी चालान बनाने और फर्जी ई-वे बिल जारी करने और कर क्रेडिट उत्पन्न करने के लिए फर्जी चालान जारी करने के एक संगठित रैकेट का खुलासा किया है।
मुख्य अपराधी को आज सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 के प्रावधानों के अनुसार गिरफ्तार किया गया और आज ही न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया और उसे 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
जीएसटी धोखाधड़ी (GST fraud) रैकेटियर(racketeer) ने विभिन्न व्यक्तियों के पहचान दस्तावेजों के अनधिकृत उपयोग के आधार पर कई फर्मों का निर्माण किया था।
घोटालेबाज ने विभिन्न व्यक्तियों के पहचान-पत्र से जुड़े दस्तावेजों तक अपनी अनधिकृत पहुंच के आधार पर कई कंपनियां बना ली थीं।
विभिन्न जांचकर्ताओं की एक टीम ने इस नये गोरखधंधे का पर्दाफाश किया, जिसने देश भर में बनाई गई कंपनियों के जाल का पर्दाफाश करने के लिए कई हफ्तों तक निरंतर इस पर काम किया।
जीएसटी धोखाधड़ी (GST fraud) आरोपित व्यक्ति के परिसर से अनेक आपत्तिजनक इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
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