जमायत उलेमा-ए-हिन्द (Jamiat Ulama-i-Hind) ने कहा है कि कश्मीर में किसी भी तरह का अलगाववादी आंदोलन (separatist movement) न केवल भारत बल्कि कश्मीर (Kashmir) के लोगों के लिए भी हानिकारक है।
लगभग एक करोड़ भारतीय मुसलमानों के संगठन जमायत उलेमा-ए-हिन्द (Jamiat Ulama-i-Hind ) ने कहा है कि कश्मीर (Kashmir) भारत का अभिन्न अंग है और घाटी के लोगों का कल्याण भारत के साथ एकीकरण में निहित है।
मीडिया से बातचीत करते हुए जमायत के महासचिव मौलाना महमूद मदनी(Maulana Mahmood Madni) ने कहा कि देश के भीतर हमारे मतभेद हो सकते हैं किन्तु जब राष्ट्र की बात आती है तो हम सब भारतीय एक हैं।
उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और अखंडता से कोई समझौता नहीं हो सकता।
आज 12 सितंबर,2019 नई दिल्ली में जमायत की सालाना आम बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि पाकिस्तान और भारत विरोधी ताकतें कश्मीर को तहस नहस करने की कोशिश कर रही हैं।
जमायत उलेमा-ए-हिन्द (Jamiat Ulama-i-Hind ) के अध्यक्ष मौलाना सईद मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी (Maulana Sayed Mohammad Usman Mansoorpuri ) ने कहा कि अफवाह फैलाई जा रही है कि कश्मीर (Kashmir) मुद्दे पर भारतीय मुसलमानों (Indian Muslims) की अलग राय है।
उन्होंने कहा, कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और आगे भी रहेगा।
प्रस्ताव में जमायत ने कहा है कि कश्मीरी लोगों के लोकतांत्रिक और मानवाधिकारों की रक्षा करना राष्ट्रीय कर्तव्य है।
प्रस्ताव में यह विश्वास व्यक्त किया गया कि कश्मीरी लोगों का कल्याण भारत के साथ एकीकरण में निहित है। इसमें कहा गया कि मौजूदा स्थिति न केवल कश्मीर के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरनाक है और यह कश्मीरी लोगों के हित में है कि स्थिति में बदलाव होना चाहिए।
प्रस्ताव के अनुसार हालात की यह मांग है कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा व्यवस्था बनाने के लिए शांति स्थापना की पहल की जानी चाहिए।
जमायत ने सरकार से अपील की है कि कश्मीरी लोगों के मानवाधिकारों के संरक्षण के साथ-साथ जीवन और सम्पदा की भी सुरक्षा की जानी चाहिए।
क्षेत्र में सामान्य हालात बहाल करने के लिए हरसंभव संवैधानिक उपाय किये जाने चाहिए और कश्मीरी लोगों का दिल जीता जाना चाहिए।
जमायत के अध्यक्ष मौलाना सईद मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी ने कहा कि अफवाह फैल रही है कि भारतीय मुसलमानों का कश्मीर मुद्दे पर अलग रूख है। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह ऐसा ही बना रहेगा।
बाद में संवाददाताओं को सम्बोधित उन्होंने पाकिस्तान के उस प्रयास को खारिज कर दिया, जिसमें दुनिया को दिखाया जा रहा है कि कश्मीर मुद्दे पर भारतीय मुसलमानों का अलग दृष्टिकोण है।
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