प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के मानसून सत्र के सुचारु संचालन में सभी राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील की है।
संसद का मॉनसून सत्र 2018 बुधवार 18 जुलाई से आरंभ हो रहा है और शुक्रवार 10 अगस्त, 2018 को समाप्त होगा।
संसद के बुधवार 18 जुलाई से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र 2018 के पहले मंगलवार को राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने उनसे राष्ट्रहित में रचनात्मक सहयोग का अनुरोध किया।
मोदी ने कहा कि सरकार उनके द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों को पूरा महत्व देती है ऐसे में उन्हें विश्वास है कि सभी राजनीतिक दल संसद सत्र के सुचारू संचालन में पूरा सहयोग करेंगे और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा करेंगे।
आज सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक दल के नेताओं ने सत्र के दौरान उठाए जाने वाले अहम मुद्दों की जानकारी दी।
सभी दलों ने बिना किसी व्यवधान या गतिरोध के संसद सत्र को सुचारू रूप से चलाने और दोनों सदनों में रचनात्मक चर्चा पर सहमति भी जताई।
संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार ने देशहित में सभी राजनीतिक दलों खासकर विपक्ष से सदन का कामकाज सही तरीके से चलाने में सहयोग का अनुरोध किया है।
अनंत कुमार ने कहा कि भारत के लोग चाहते हैं कि संसद में काम हो।
अनंत कुमार ने बताया कि सभी दल मॉनसून सत्र की सफलता के पक्ष में हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार नियमों के तहत सदन में किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए हमेशा तैयार है और सत्र के सुचारू संचालन के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय मामलों के राज्यमंत्री विजय गोयल तथा जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण तथा संसदीय मामलों के राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल सहित कई केन्द्रीय मंत्री भी उपस्थित थे।
इस दौरान संसद की कुल 18 बैठकें होंगी। 24 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में 48 महत्वपूर्ण विधेयक लिए जाएंगे और उन पर चर्चा होगी। इनमें से 6 विधेयक ऐसे होंगे, जो अध्यादेश का स्थान लेंगे।
जो विधेयक अध्यादेश का स्थान लेंगे, वे हैं:
- भगौड़ा आर्थिक अपराध अध्यादेश 2018,
- आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश 2018,
- उच्च न्यायालयों की कमर्शियल अदालतें, कमर्शियल डिविजन्स और कमर्शियल अपीलीय डिविजन्स (संशोधन) अध्यादेश, 2018,
- होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश, 2018,
- राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय अध्यादेश, 2018,
- इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2018 शामिल हैं।
इसके अलावा मॉनसून सत्र में दोनों सदनों में लंबित पड़े कुछ और महत्वपूर्ण विधेयकों पर भी चर्चा होगी और उन्हें पारित किया जाएगा। इनमें
- उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2018,
- नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय आर्बिट्रेशन केन्द्र विधेयक 2018,
- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण विधेयक, 2016,
- संविधान का 123वां संशोधन विधेयक 2017,
- राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक 2017,
- मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017,
- मोटरवाहन संशोधन विधेयक 2017 और
- भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन विधेयक 2013 शामिल हैं।
सत्र के दौरान कुछ नये विधेयक भी पेश किए जाएंगे। मॉनसून सत्र के दौरान लाए जाने वाले विधेयकों की सूची के लिए यहां क्लिक करें:
http://pib.nic.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1538835
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