चावल के दाने पर लेखन (rice grain writing) के लिए प्रसिद्ध जयपुर की श्रीमती नीरू छाबड़ा ने देश के विकास व मजबूत सरकार के लिए प्रत्येक नागरिक से लोकसभा चुनाव 2019 में मतदान करने की अपील की है।
भारत सरकार से नेशनल मेरिट अवार्ड से सम्मानित कलाकार छाबड़ा ने चावल के दानों पर कलात्मक तरीके से लेखन rice grain writing कर बनाई कृतियों के माध्यम से मतदाताओं से वोट डालने की अपील की है।
इससे पहले भी नीरू छाबड़ा अनेक अवसरों पर लोगों को जागरूक करने के लिए चावल के दाने पर लेखन rice grain writing के माध्यम से प्रयास करती रही हैं।
नीरू छाबड़ा ने चावल के दानों पर कलातमक तरीके से लिखकर मतदाताओं से अपील करते हुए कहा है ‘अपनी ताकत को पहचानों, देश के नाम वोट दो’, निर्णय लो, निर्णायक बनो, मताधिकार का प्रयोग करो’ आदि।
उन्होंने पूर्व में पानी बचाओ, पृथ्वी बचाओ, पर्यावरण एक समग्र दृष्टि जैसे विषयों पर अनेक कलाकृतियाँ बनाई है।
ऐसा माना जाता है कि चावल के दानों पर लेखन rice grain writing की शुरुआत प्राचीन भारत और तुर्की के अनातोलिया में हुई थी।
भारत में हिन्दू समाज के अनेक संस्कारों और कई अनुष्ठानों में चावल का उपयोग आवश्यक माना जाता हे। कई अनुष्ठानों में तो चावल एक माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता है।
टर्की के प्राचीन अनातोलिया कारीगरों की बात करें तो ऐसे प्रमाण मिले है कि वहां चावल पर लघु चित्र बनाने की परंपरा रही है और उस काल में सूक्ष्म लेखन के अनेक कुशल कलाकार थे।
यह कला समृद्धि का एक प्राचीन प्रतीक है और चावल के दाने पर बनी सबसे पुरानी कृति टर्की में इस्तांबुल के टोपकापी पैलेस में मौजूद है।
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