नई दिल्ली, 29 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) की स्थापना को मंजूरी दे दी है।
एलाएंस का मुख्यालय भारत में होगा और इसे 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 150 करोड़ रुपये की एकमुश्त बजटीय सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने बाघों, बड़ी बिल्ली परिवार की अन्य प्रजातियों तथा इसकी अनेक लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका को महत्त्व देते हुए, वैश्विक बाघ दिवस, 2019 के अवसर पर अपने भाषण में एशिया में अवैध शिकार को रोकने के लिए वैश्विक नेताओं के एलाएंस का आह्वान किया था। उन्होंने 9 अप्रैल, 2023 को भारत के प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इसे दोहराया और औपचारिक रूप से एक इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस प्रारंभ करने की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य बड़ी बिल्लियों और उनके द्वारा फूलने-फलने वाले परिदृश्यों के भविष्य को सुरक्षित बनाना है।
सात बिग कैट में बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता आते हैं।
इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस की परिकल्पना 96 बिग कैट रेंज देशों, बिग कैट संरक्षण में रुचि रखने वाले गैर-रेंज देशों, संरक्षण भागीदारों तथा बिग कैट संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिक संगठनों के बहु-देशीय, बहु-एजेंसी एलायंस के रूप में की गई है।
परिकल्पना में बड़ी बिल्लियों के कार्य में योगदान के इच्छुक व्यावसायिक समूहों और कॉर्पोरेट्स की व्यवस्था के साथ-साथ नेटवर्क स्थापित करने तथा फोकस रूप से तालमेल विकसित करने की व्यवस्था है, ताकि एक सामान्य मंच पर केंद्रीकृत भंडार लाया जा सके, इसे वित्तीय समर्थन प्राप्त हो, जिसका लाभ बड़ी बिल्ली की आबादी में गिरावट को रोकने और इस प्रवृत्ति को बदलने में संरक्षण एजेंडा को मजबूत करने के लिए किया जा सकता है।
आईबीसीए का दृष्टिकोण व्यापक आधार बनाने तथा अनेक क्षेत्रों में कई गुना लिंकेज स्थापित करने में बहुआयामी होगा और इससे ज्ञान के आदान-प्रदान, क्षमता सृजन, नेटवर्किंग, समर्थन, वित्त और संसाधन समर्थन, अनुसंधान तथा तकनीकी सहायता, शिक्षा और जागरूकता में मदद मिलेगी।
आईबीसीए गोल्ड स्टैंडर्ड बिग कैट संरक्षण प्रथाओं के प्रसार में वृद्धि के लिए एक सहयोगी मंच के माध्यम से तालमेल की परिकल्पना करता है, तकनीकी ज्ञान और धन कॉर्पस के केंद्रीय सामान्य भंडार तक पहुंच प्रदान करता है, वर्तमान प्रजाति-विशिष्ट अंतर-सरकारी प्लेटफार्मों, नेटवर्क और संरक्षण और सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय पहलों को मजबूत बनाता है और हमारे पर्यावरणीय भविष्य को सुरक्षित करने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में सहायता करता है।
आईबीसीए का दृष्टिकोण ढांचे को व्यापक आधार देने और अनेक क्षेत्रों में कई गुना लिंकेज स्थापित करने में बहुआयामी होगा और इससे ज्ञान साझा करने, क्षमता निर्माण, नेटवर्किंग, समर्थन, वित्त और संसाधन समर्थन, अनुसंधान और तकनीकी सहायता, विफलता बीमा, शिक्षा और जागरूकता में मदद मिलेगी।
विभिन्न देशों के ब्रांड एंबेसडर इस अवधारणा को आगे बढ़ाने में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे और युवाओं तथा स्थानीय समुदायों सहित जनता के बीच बिग कैट संरक्षण-अभियान सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहन को बढ़ावा देंगे, जो पूरी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण हितधारक हैं। सहयोगात्मक कार्रवाई उन्मुख दृष्टिकोण और पहल के माध्यम से देश की जलवायु नेतृत्व की भूमिका, हरित अर्थव्यवस्था परियोजनाओं को बढ़ावा देना आईबीसीए प्लेटफॉर्म के माध्यम से संभव है।
आईबीसीए गवर्नेंस में सदस्यों की असेंबली, स्थायी समिति और भारत में मुख्यालय के साथ एक सचिवालय शामिल है।
समझौते की रूपरेखा (विधान) का प्रारूप मुख्यतः इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) की तर्ज पर तैयार किया गया है और इसे अंतर्राष्ट्रीय संचालन समिति (आईएससी) द्वारा अंतिम रूप दिया जाना है।
Image : National Tiger Consevation Authority
Follow @JansamacharNews