थल सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल मनोज पांडे उज्बेकिस्तान की चार दिवसीय यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं। उनकी यह यात्रा 15 से 18 अप्रैल 2024 तक होगी। यह भारत और उज्बेकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जनरल मनोज पांडे 15 अप्रैल, 2024 को उज्बेकिस्तान के शीर्ष रक्षा नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे। इस बैठक में उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बखोदिर कुर्बानोव, प्रथम उप रक्षा मंत्री व चीफ ऑफ द जनरल स्टाफ ऑफ द आर्म्ड फोर्सेज मेजर जनरल खलमुखामेदोव शुखरात गेरेतजानोविच और उप मंत्री व चीफ ऑफ एयर डिफेंस एंड एयर डिफेंस फोर्सेज मेजर जनरल बुर्खानोव अहमद जमालोविच शामिल होंगे।
इन वार्ताओं की मजबूत सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके अलावा इस यात्रा कार्यक्रम के तहत सशस्त्र बल संग्रहालय और उसके बाद हॉस्ट इमाम एन्सेम्बल का दौरा भी शामिल है, जो उज्बेकिस्तान के समृद्ध सैन्य इतिहास व उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
थल सेना प्रमुख 16 अप्रैल, 2024 को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद वे दूसरे विश्व युद्ध में उज्बेकिस्तान के योगदान और बलिदान को स्मरण करते हुए विक्ट्री पार्क का दौरा करेंगे। 16 अप्रैल के कार्यक्रमों में सेंटर फॉर इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज एलएलसी का दौरा शामिल है, जहां सेना प्रमुख को रक्षा प्रौद्योगिकी और नवाचारों में उज्बेकिस्तान की पहलों के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी।
इसके बाद जनरल मनोज पांडे उज्बेकिस्तान आर्म्ड फोर्सेज अकादमी का दौरा करेंगे और भारत की सहायता से इस अकादमी में आईटी प्रयोगशाला का उद्घाटन करेंगे।
समरकंद की यात्रा के दौरान 17 अप्रैल, 2024 को जनरल पांडे सेंट्रल मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर से मिलेंगे। यह यात्रा 18 अप्रैल, 2024 को टर्मेज में समाप्त होगी, जहां सेना प्रमुख का भारत और उज्बेकिस्तान के सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त अभ्यास- डस्टलिक को देखने का भी कार्यक्रम है। इसमें दोनों देशों के बीच विकसित अंतर-परिचालनीयता और सौहार्द को रेखांकित किया जाएगा।
सेना प्रमुख उज्बेकिस्तान के गौरवशाली अतीत और सांस्कृतिक परिदृश्य का प्रत्यक्ष अवलोकन करेंगे। इसके तहत वे टर्मेज संग्रहालय और सुरखंडार्य क्षेत्र के ऐतिहासिक स्मारकों का भी दौरा करेंगे।
जनरल मनोज पांडे की इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग के नए रास्ते तलाशने के अलावा भारत और उज्बेकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करना है।
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