नई दिल्ली, 12 फरवरी। थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल मनोज पांडे, रक्षा सहयोग तथा दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों को और मजबूत करने के मद्देनज़र 13 फरवरी से 16 फरवरी तक अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे।
यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच मजबूत सैन्य सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करती है।
यह यात्रा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो सैन्य सहयोग को बढ़ाने, वैश्विक खतरे की धारणाओं पर रणनीतिक दृष्टिकोण का आदान-प्रदान करने और भविष्य की सेना के विकास और आधुनिकीकरण की दिशा में मिलकर काम करने की पारस्परिक इच्छा को दर्शाती है।
यात्रा के दौरान, थल सेनाध्यक्ष, यूनाइटेड स्टेट्स चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्मी (सीएसए) के जनरल रैंडी जॉर्ज और अन्य वरिष्ठ सैन्य प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय चर्चा और बातचीत में भाग लेंगे।
यात्रा में प्रतिष्ठित अमेरिकी सेना गार्ड ऑफ ऑर्नर समारोह, आर्लिंगटन राष्ट्रीय कब्रिस्तान में अज्ञात सैनिकों के सम्मान में बने एक स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करना और पेंटागन का एक व्यापक दौरा शामिल है।
इस यात्रा में “भारतीय सेना में बदलाव,” “वैश्विक खतरे की धारणा,” “2030 एवं 2040 के अनुरूप सेना में बदलाव”, “मानव संसाधन संबंधी चुनौतियां,” “भविष्य की सेना के विकास और आधुनिकीकरण,” तथा “सह-उत्पादन एवं सह-विकास पहल’’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा।
इन चर्चाओं का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच जानकारियां, विचार और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करना है।
यात्रा के दौरान फोर्ट बेल्वोइर में ‘आर्मी जियोस्पेशियल सेंटर’, फोर्ट मैकनेयर में ‘नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी’ का दौरा और मुख्यालय 1 कोर के प्रमुखों के साथ बातचीत करना शामिल है। वह सैन्य नवाचार और रणनीति में सबसे आगे रहने वाली इकाइयों के साथ भी जुड़ेंगे, जिनमें स्ट्राइकर यूनिट, पहली मल्टी-डोमेन टास्क फोर्स, सिएटल में पहला विशेष सेना समूह और सैन फ्रांसिस्को में रक्षा नवाचार इकाई शामिल हैं।
कैलिफ़ोर्निया नेशनल गार्ड के दौरे की भी योजना है, जो यात्रा की व्यापक प्रकृति को रेखांकित करता है, जिसका उद्देश्य अधिक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण, सह-विकास और सह-उत्पादन गतिविधियों के लिए अवसरों को तलाशना है।
यूनाइटेड स्टेट्स चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्मी जनरल रैंडी जॉर्ज ने हाल ही में इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस (आईपीएसीसी) के लिए भारत का दौरा किया था, जिसे भारतीय सेना और अमेरिकी सेना द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में 18 सेनाओं के प्रमुख और 12 देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख शामिल हुए थे।
इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस के दौरान, जनरल रैंडी जॉर्ज और जनरल मनोज पांडे के बीच सकारात्मक बातचीत हुई थी। इसमें सैन्य सहयोग, एचएडीआर के लिए समन्वित दृष्टिकोण, सेनाओं के बीच प्रयासों को बढ़ाने और आपसी हित के अन्य मुद्दों से संबंधित व्यापक मुद्दों का समाधान किया।
एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस सहित उनकी बातचीत, दोनों देशों के सैन्य नेतृत्व के बीच मजबूत सहयोग और सहयोगी भावना को दर्शाती है और जनरल पांडे की अमेरिका की वर्तमान यात्रा के लिए एक सकारात्मक पृष्ठभूमि तैयार करती है।
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