ब्रू-रियांग (Bru Reang) परिवारों के करीब 34 हजार व्यक्तियों को त्रिपुरा (Tripura) में बसाया जाएगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah ) की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में भारत सरकार, त्रिपुरा और मिज़ोरम सरकार और ब्रू-रियांग (Bru Reang) प्रतिनिधियों के बीच में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इस नए समझौते से करीब 23 वर्षों से चल रही इस बड़ी मानव समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा व करीब 34 हजार ब्रू-रियांग (Bru Reang) व्यक्तियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा।
इस अवसर पर जोराम्थंगा, मुख्यमंत्री (मिज़ोरम), बिपलब कुमार देब, मुख्यमंत्री (त्रिपुरा), हेमन्त बिस्व सरमा, अध्यक्ष, NEDA, प्रद्युत किशोर देबबर्मा, अध्यक्ष, TIPRA एवं ब्रू-रियांग (Bru Reang) प्रतिनिधियों के साथ वारिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।
यह ऐतिहासिक समझौता उत्तर पूर्व की प्रगति और क्षेत्र के लोगों के सशक्तीकरण के लिए प्रधान मंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
कार्यभार संभालने के बाद मोदी ने कई नीतिगत कदम उठाए हैं, जिससे इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास, पर्यटन और सामाजिक विकास में सुधार हुआ है।
शाह ने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने लंबे समय से हजारों की संख्या में प्रताड़ित व्यक्तियों को पुनः बसाने का स्थायी समाधान निकाल लिया है।
इस समझौते के अंतर्गत ब्रू-रियांग (Bru Reang) को पुनरस्थापित करने का यह मुद्दा त्रिपुरा (Tripura) और मिज़ोरम (Mizoram) राज्य सरकारों व ब्रू-रियांग (Bru Reang) प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श कर एक नई व्यवस्था बनाने का फैसला किया जिसके अंतर्गत वे सभी ब्रू-रियांग परिवार जो त्रिपुरा में ही बसना चाहते हैं और उनके लिए त्रिपुरा में ही व्यवस्था करने का फैसला किया है।
इन सभी लोगों को राज्य के नागरिकों के सभी अधिकार दिये जाएँगे और वे केंद्र व राज्य सरकारों की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
गृह मंत्री ने कहा की इस नए समझौते के बाद ये ब्रू-रियांग परिवार अपना सर्वांगीण विकास करने में समर्थ होंगे। इस नए समझौते को करने के लिए भारत सरकार को त्रिपुरा व मिज़ोरम सरकारों, ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों का पूरा समर्थन मिला है।
शाह ने बताया की इस नई व्यवस्था के अंतर्गत विस्थापित परिवारों को 40×30 फुट का आवासीय प्लॉट दिया जाएगा और उनकी आर्थिक सहायता के लिए प्रत्येक परिवार को, पहले समझौते के अनुसार 4 लाख रुपये फ़िक्स्ड डिपॉज़िट में, दो साल तक 5 हजार रुपये प्रतिमाह नकद सहायता, दो साल तक फ्री राशन व मकान बनाने के लिए 1.5 लाख रुपये दिये जाएंगे।
इस नई व्यवस्था के लिए त्रिपुरा सरकार भूमि की व्यवस्था करेगी।
आज भारत सरकार, त्रिपुरा और मिज़ोरम सरकार और ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों के बीच यह नया समझौता हुआ है जिसमें करीब 600 करोड़ रुपये की सहायता केंद्र द्वारा दी जाएगी।
शाह ने कहा कि हाल ही में उग्रवादी संगठन NLFT(SD) के 88 हथियारबंध उग्रवादियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया और उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया गया।
त्रिपुरा राज्य के लिए ये एक महत्वपूर्ण कदम था जिससे राज्य की शांति व्यवस्था मे महत्वपूर्ण सुधार हुआ।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर पूर्व कि बड़ी समस्याओं को तीव्र गति से हल किया जा रहा है और ब्रू-रियांग सम्झौता त्रिपुरा के लिए उस दिशा में एक दूसरा महत्वपूर्ण कदम है।
गृह मंत्री ने कहा कि शीघ्र ही सम्पूर्ण उत्तर पूर्व में पूर्ण शांति बहाल कर इस क्षेत्र का तीव्र विकास किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
वर्ष 1997 में जातीय तनाव के कारण करीब 5,000 ब्रू-रियांग परिवारों ने, जिसमें करीब 30,000 व्यक्ति थे, मिज़ोरम से त्रिपुरा में शरण ली जिनको वहां कंचनपुर, उत्तरी त्रिपुरा में अस्थायी शिविरों में रखा गया।
वर्ष 2010 से भारत सरकार लगातार प्रयास करती रही है कि इन ब्रू-रियांग परिवारों को स्थायी रूप से बसाया जाए। वर्ष 2014 तक विभिन्न बैचों में 1622 ब्रू-रियांग परिवार मिज़ोरम वापस गए। ब्रू-रियांग विस्थापित परिवारों की देखभाल व पुनर्स्थापन के लिए भारत सरकार त्रिपुरा व मिज़ोरम सरकारों की सहायता करती रही है।
3 जुलाई, 2018 को भारत सरकार, मिज़ोरम व त्रिपुरा सरकार व ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों के बीच एक समझौता हुआ था जिसके उपरान्त ब्रू-रियांग परिवारों को दी जाने वाली सहायता में काफी बढ़ोतरी की गई। समझौते के उपरान्त वर्ष 2018-19 में 328 परिवार, जिसमें 1369 व्यक्ति थे, त्रिपुरा से मिज़ोरम इस नए समझौते के तहत वापस गए। अधिकांश ब्रू-रियांग परिवारों की यह मांग थी कि उन्हें सुरक्षा की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए त्रिपुरा में ही बसा दिया जाए।
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