यात्रियों की सुविधा के लिए रेल मंत्रालय ने यात्री आरक्षण फार्म को संशोधित किया है। यह सुविधा उन यात्रियों को मिलेगी जो पूरे देश में स्थित पीआरएस काउण्टरों से टिकटे खरीदते हैं।
‘विकल्प’ योजना केवल ऑनलाइन खरीदे गए टिकटों पर ही नहीं बल्कि उन टिकटों पर भी उपलब्ध होगी जो आरक्षण खिड़कियों से खरीदे जाते हैं।
संशोधित आरक्षण फार्म में यात्रियों को यह ‘विकल्प’ दिया गया है कि या तो वे विकल्प योजना का लाभ लें या लाभ न लें। यात्री कॉलम में हां या नहीं के विकल्प में चिन्ह लगाकर अपनी प्राथमिकता दे सकते हैं।
यदि यात्री ‘विकल्प’ सुविधा का चयन करता है तो उसे 12, 24, 48 घण्टों के अन्दर प्रस्थान करने वाली अन्य पसंदीदा ट्रेनों का चयन करना होगा। इसके अलावा आरक्षण फार्म में आधार नम्बर देना अब ऐच्छिक कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रतिक्षा सूची के यात्रियों को निश्चित सीट/बर्थ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘अल्टरनेट ट्रेन एकोमोडेशन स्कीम – विकल्प’ की शुरूआत 1 नवम्बर, 2015 को उत्तर रेलवे के दिल्ली-लखनऊ तथा दिल्ली-जम्मू रेल खण्डों में की गई थी।
इस योजना का उद्देश्य उपलब्ध सुविधाओं का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रारम्भ में 6 महीनों तक केवल इंटरनेट से खरीदे गए टिकटों पर यह सुविधा दी गई थी। बाद में यह योजना भारतीय रेल के सभी मंडलों में विस्तारित की गई।
इस योजना के अंतर्गत प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को अन्य ट्रेनों में निश्चित सीट/बर्थ का विकल्प चुनने की सुविधा दी गई है।
अब यह विकल्प सुविधा केवल ऑनलाइन टिकटों पर ही नहीं बल्कि पीआरएस काउण्टरों से खरीदे गए टिकटों पर भी उपलब्ध है।
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