हिमाचल के राज्यपाल (Himachal Governor) बंडारू दत्तात्रेय (Bandaru Dattatray) ने कहा कि हैदराबाद को निजाम (Nizam) से मुक्ति दिलाने में आर्य समाज (Arya Samaj ) की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
उन्होंने कहा कि आर्य समाज (Arya Samaj ) ने देश की आजादी की लड़ाई (Struggle for Freedom) में महत्त्वूपर्ण योगदान दिया था और स्वतंत्रता के बाद निजाम के शासन में भी लोगों को प्रेरित किया।
आर्य समाज (Arya Samaj ) से प्रेरणा हासिल कर कई देशभक्तों ने स्वतंत्रता की लड़ाई को आगे बढ़ाया।
बंडारू दत्तात्रेय आज तेलंगाना के बेगमपेट में कुंदनबाग के उमानगर में स्थित वैदिक आश्रम कन्या गुरूकुल में आर्य समाज (Arya Samaj ) द्वारा हैदराबाद लिबरेशन दिवस (Hyderabad Liberation Day) तथा स्वतंत्रता सेनानियों और प्रमुख आर्य समाजियों के सम्मान समारोह के उद्घाटन सत्र के दौरान बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि वह स्वयं आर्य समाज (Arya Samaj ) से जुड़े हुए हैं और आर्य समाज की विचारधारा से प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा कि 1925 से हैदराबाद में केवल आर्य समाज (Arya Samaj ) आन्दोलन चल रहा था तथा स्वतंत्रता के उपरान्त आर्य समाज से जुड़े हुए लोगों ने ही निजाम के विरूद्ध स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था।
बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, ‘‘निजाम के खिलाफ नारायण राव पवार (Narayan Rao Pawar) जैसे महान लोगों के बलिदान को कौन भूल सकता है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित पुस्तकों का विमोचन किया।
केन्द्रीय राज्य गृह मंत्री जी. किशन रेडी ने राज्यपाल का स्वागत किया और हैदराबाद के स्वतंत्रता आन्दोलन के लिए आर्य समाज (Arya Samaj ) द्वारा दिए गए योगदान की सराहना की।
आर्य प्रतिनिधि सभा हैदराबाद तेलंगाना के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया और सभा द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में उन्हें अवगत करवाया। इस अवसर पर उन्होंने राज्यपाल को सम्मानित भी किया।
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