उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शनिवार को सर्वसम्मति से अयोध्या मामले (Ayodhya issue) पर फैसला सुनाते हुए कहा कि ए एस आई (Archaeological Survey of India) ने यह सिद्ध नहीं किया है कि मस्जिद का निर्माण मंदिर को गिराकर किया गया। अदालत ने कहा कि मस्जिद से पहले जो ढांचा था वह इस्लामिक नहीं था।
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने फैसले में कहा है कि भारत का पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग – ए एस आई (ASI) ने इस तथ्य की पुष्टि की है कि गिराए गए ढांचे (Structure) के नीचे एक मंदिर (Temple) था।
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के अनुसार मुसलमान मस्जिद में जुम्मे की नमाज़ अदा करते थे जिससे संकेत मिलता है कि उन्होंने इसका कब्जा नहीं छोड़ा था।
संविधान पीठ का मानना है कि बाबरी मस्जिद को गिराना कानून का उल्लंघन था।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (Chief Justice Ranjan Gogoi ) ने कहा कि संविधान के अंतर्गत गठित अदालत को धार्मिक विश्वास में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
पांच सदस्यों की खंड पीठ ने कहा कि 2.77 एकड़ विवादित भूमि केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी।
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