Flood

बाढ़ और बारिश के कहर से असम, बिहार, मिजोरम, मेघालय सर्वाधिक प्रभावित

बाढ़ (Flood) और बारिश (Rain) के कहर से असम (Assam), बिहार (Bihar) , मिजोरम(Mizoram), मेघालय (Meghalaya) सर्वाधिक प्रभावित राज्य है।

बिहार में 32 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग बह गए हैं।

असम में एसडीआरएफ ने माजुली (Majuli) में 125 को बचाया है और वहाँ बाढ़ (Flood) की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है।

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarvadanand Sonowal) के निर्वाचन क्षेत्र माजुली में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो जाने से प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल(एसडीआरएफ) को कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा है।

असम में नए क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है। ब्रह्मपुत्र (Brahmputra) सहित कई नदियाँ का जलस्तर कहर बरपा रहा हैं। राज्य में बढ़ते पानी ने वाहनों की आवाजाही को बुरी तरह प्रभावित किया है क्योंकि बाढ़ ने कई महत्वपूर्ण सड़कों को जलमग्न कर दिया है।

लगभग नब्बे हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें चैपट हो गई हैं। भूमि कटाव ने भी स्थिति को गंभीर बना दिया है।

असम के 28 जिलों में 26 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में हैं। बारपेटा, मोरीगांव और धुबरी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

विस्थापितों के लिए विभिन्न जिलों में राहत शिविर लगाए गए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को खोज और बचाव कार्यों में लगाया गया है।

असम में 2 से 3 साल के बाद ऐसी विनाशकारी बाढ़ देखी जा रही है। कई नागरिक समाज संगठनों ने प्रभावित लोगों की हर संभव मदद कर रहे है।

आज सोमवार को असम के कांग्रेस सांसदों ने राज्य में बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

उनकी मांग हैं कि असम की बाढ़ को राष्ट्रीय समस्या घोषित किया जाए और पीड़ितों के लिए केंद्रीय सहायता तत्काल जारी की जाए।

पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने मीडिया से कहा कि देश में बाढ़ की स्थिति का एक स्थायी समाधान होना चाहिए।

बिहार

बिहार (Bihar) के 10 जिलों में बाढ़ (Flood)  की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

केंद्रीय जल आयोग ने कहा कि बागमती, गंडक, महानंदा, कमला बलान और लालबकेया नदियाें के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण ये नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

इसके कारण सीतामढ़ी, मधुबनी और पूर्वी चंपारण जिलों में बाढ़ के पानी से व्यापक तबाही हुई है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है और कई के बह जाने की आशंका है।

बिहार के 55 ब्लॉकों में 18 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। चालीस हजार से अधिक लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है।

बिहार (Bihar)  के मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में बागमती नदी का पानी खतरे के निशान ऊपर बह रहा है। मुजफ्फरपुर में लखन देवी नदी का पानी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।

सीतामढ़ी, खगड़िया, दरभंगा, कटिहार, किशनगंज और अररिया में भी नदियों (Rivers) का जलस्तर ऊपर बढ़ रहा है।

कटिहार जिले में महानंदा नदी का पानी भी खतरे के निशान से 1 फुट ऊपर बह रहा है। दोपहर 2 बजे तक मिले समाचार के अनुसार बिहार की बागमती बालन गोवा बारी और महानंदा नदियों का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।

पटना के केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष का कहना है कि बिहार के सभी तटबंध सुरक्षित हैं और बाढ़ से बचाव के सुरक्षात्मक उपाय किए जा रहे हैं।

मिजोरम

मिजोरम में राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश का कहर जारी है।

बारिश (Rain)  और बाढ़ (Flood) के कारण छह लोगों की जान चली गई है और एक हजार से अधिक परिवार विस्थापित हो गए हैं। उन्होंने अस्थायी राहत शिविरों में शरण ली है।

राज्य प्रशासन परिवारों को राहत सामग्री प्रदान कर रहा है। कुछ स्थानों से घरों को नुकसान पहुंचाने और संचार और बिजली आपूर्ति बाधित होने से भूस्खलन और बाढ़ कीस्थिति और गंभीर बनी हुई है। सबसे अधिक प्रभावित जिले लुंगलेई और लॉंग्टलाई हैं।

दक्षिण मिजोरम में तलबुंग और आसपास के इलाकों में 500 से अधिक घर बाढ़ (Flood) से प्रभावित हैं। लगभग 600 परिवारों को निकाला गया है।

मेघालय

पिछले सात दिनों से मेघालय में लगातार बारिश और दो नदियों के बढ़ते पानी ने वेस्ट गारो हिल्स जिले के मैदानी इलाकों में बाढ़ (Flood) ला दी है।

अधिकारियों ने बताया कि एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। असम से बहने वाली ब्रह्मपुत्र और जिंजीराम नदियों का पानी बढ़ने से जिले के निचले इलाके डूब गए।

राज्य की राजधानी शिलांग के निचले इलाकों में भी बाढ़ (Flood)  आ गई।

बाढ़ पीड़ितों को निकालने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के प्रयास जारी हैं।

राज्य सरकार ने वेस्ट गारो हिल्स जिले के बाढ़  (Flood) प्रभावित लोगों के लिए सात दिन की ग्रेच्युटी राहत की घोषणा की है।