गुवाहाटी, 5 अगस्त | असम के कोकराझार में एक व्यस्त बाजार में शुक्रवार को सेना की वर्दी पहने चार से पांच आतंकवादियों की अंधाधुंध गोलीबारी में 12 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को भी मार गिराया। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हमले में ‘विदेशी ताकतों’ की संलिप्तता से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि संभव है कि इसके लिए निर्देश विदेशों से मिले हों। उन्होंने हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा।
फोटो: आतंकी हमले में मारे गए एक व्यक्ति को ले जाते स्थानीय लोग। (फोटो: आईएएनएस)
असम पुलिस के प्रमुख मुकेश सहाय ने आईएएनएस से कहा कि उन्हें संदेह है कि इस हमले के पीछे नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी-सोंगबिजीत)का हाथ है और पीड़ित मुख्यत: बोडो नागरिक हैं। लगभग 20 अन्य घायल हुए हैं।
सहाय ने आईएएनएस से कहा, “आतंकवादियों का एक समूह साप्ताहिक बाजार पहुंचा और एक हथगोला फेंकने के बाद लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।”
उन्होंने कहा कि इलाके में मौजूद सुरक्षाबलों ने उनका मुंहतोड़ जवाब दिया और एक आतंकवादी को मौके पर ही मार गिराया।
सहाय ने कहा, “आसान लक्ष्यों पर वार करना आतंकवादियों की रणनीति होती है। हमने इलाके में और इसके आसपास तलाशी अभियान शुरू किया है। संदिग्धों की संख्या चार से पांच होने की आशंका है।”
कोकराझार कस्बा गुवाहाटी से 220 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह बोडो जनजाति बहुल क्षेत्र है।
सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से एक एके-56 राइफल तथा हथगोले बरामद किए हैं। आई.के.सोंगबिजित के नेतृत्व वाला एनडीएफबी का धड़ा वार्ता विरोधी माना जाता है।
कोकराझार सहित चार बोडो जिलों में प्रशासनिक कार्यो का संचालन करने वाली बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य हगरामा मोहिलारी ने कहा कि हमले में कई लोग घायल हुए हैं।
असम के मुख्यमंत्री सोनोवाल ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को टेलीफोन पर हमले से अवगत करा दिया है।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा, “अपराध में शामिल किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने शांति व समरसता की अपील करते हुए कहा कि सरकार नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है।
एनडीएफबी के वार्ता विरोधी गुट ने दिसंबर 2014 में जनजाति समुदाय के 70 लोगों की हत्या कर दी थी, जिसके कारण सुरक्षा बलों को उनके खिलाफ सतत अभियान चलाने को मजबूर होना पड़ा था।
गृह मंत्री ने नई दिल्ली में कहा कि केंद्र सरकार हालात पर करीब से नजर बनाए हुए है। –आईएएनएस
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