PM tribute to Ataljji

सबको साथ लेकर चलने वाले नेता थे अटल बिहारी वाजपेयी

सबको साथ लेकर चलने की जो कला पूर्व प्रधान मंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी में थी उसका अद्भुत नजारा सोमवार की शाम नई दिल्ली में इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में की उनकी याद में आयोजित एक सर्वदलीय प्रार्थना सभा में देखने को मिला।

सभा में अटल जी की राजनीतिक विचार धारा  से दूरी बनाये रखने वाले नेताओं ने भी उनके मानवीय गुणों की सराहना करते हुए उन्हें सबको साथ लेकर चलने वाले जन नेता के रूप में याद किया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सभी विचार धराओं के लोग आज यहां सबको साथ लेकर चलने की खूबी का ही यह परिणाम है कि उनकी मृत्यु के बाद उन्हे याद करने के लिए एकत्रित हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि वाजपेयी जी ने यह दिखाया कि निर्णय लेने में कैसे सभी को साथ लेकर चला जा सकता है।

प्रधानमंत्री  ने कहा कि अटलजी ने अपने जीवन में यह दिखाया कि जीवन कैस होना चाहिए और इसका उद्देश्‍य क्‍या होना चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि अटलजी ने हर पल आम जन के लिए बिताया। युवा अवस्‍था से लेकर जब तक शरीर ने साथ दिया, वह देश के लिए जिये।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 मई 1998 को परमाणु परीक्षण करके उन्‍होंने विश्‍व को आश्‍चर्यचकित कर दिया। उन्‍होंने इन परीक्षणों की सफलता का श्रेय हमारे वैज्ञानिकों के कौशल को दिया। व्‍यापक वैश्विक प्रतिकूल प्रतिक्रिया के बावजूद अटलजी दबाव में नहीं झुके और विश्‍व  को दिखाया कि भारत अटल है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी जी के नेतृत्‍व में किसी तरह की कड़वाहट के बिना तीन नये राज्‍यों का गठन किया गया।

प्रधानमंत्री ने याद दिलाते हुए कहा कि जब अटलजी ने केन्‍द्र में पहली बार सरकार बनाई तो कोई भी समर्थन देने को राजी नहीं था और सरकार 13 दिनों में गिर गई, लेकिन अटलजी ने आशा नहीं खोई और लोगों की सेवा करने के प्रति संकल्‍पबद्ध रहे। उन्‍होंने गठबंधन की राजनीति की राह दिखाई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयीजी ने कश्‍मीर पर वैश्विक धारणा को बदल दिया। उन्‍होंने आतंकवाद के विषय को उठाया और इसे विश्‍व के केन्‍द्र में ला खड़ा किया।

कश्मीर के नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने अटल जी की कश्मीर नीति को याद करते हुए कहा कि उन्हीं के शासन काल के दौरान कश्मीर में पहली बार फ्री एण्ड फेयर चुनाव हुए थे। उस समय कश्मीरियों ने यह महसूस किया कि उन्होंनेअपने नेताओं का चुनाव है ।

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अटल जी के प्रेम के संदेश को जन जन तक पहुंचाना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि है।