रायपुर में आयोजित राज्योत्सव में पिछड़ी जनजाति कमार पर केन्द्रित ’कमार विलेज’ (Kamar village) की अनुकृति (replica) दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र बन रही हे।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य गठन के उपलक्ष्य में राजधानी रायपुर के साईंस कालेज के मैदान में आयोजित राज्योत्सव की विभागीय प्रदर्शनी ’कमार विलेज’ (Kamar village) के सजीव चित्रण ने आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के पंडाल को जीवंत बना दिया है।
’कमार विलेज’ (Kamar village) पंडाल (Pandal) राज्योत्सव में प्रदर्शनी देखने के लिए आए लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
’कमार विलेज’ (Kamar village) पंडाल में विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति कमार, बैगा, अबूझमाडि़या, पहाड़ी कोरबा, बिरहोर, पन्डो और भुजिया जाति के पारम्परिक रहन-सहन, रीति-रिवाज एवं परम्परा की झलकी प्रदर्शित की गई है।
इस ’कमार विलेज’ (Kamar village) में गांव आकर्षण का केन्द्र है। कमार गांव में खुमरी, बांस की टोकरी बनाने का जीवंत प्रदर्शन किया जा रहा है।
इसके अलावा जनजाति कमार (Kamar) के पारम्परिक वाद्य यंत्र, दैनिक उपयोग की वस्तुओं में अनाज, वस्त्र, खाना पकाने के लिए मिट्टी के बर्तन, सूपा आदि को भी प्रदर्शित किया गया है।
’कमार विलेज’ (Kamar village) पंडाल में विभाग द्वारा संचालित विभाग की फ्लैगशिप योजनाओं में युवा कैरियर निर्माण योजना और ट्रायबल यूथ हास्टल नई दिल्ली की जानकारी प्रदर्शित की गई है।
राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति के पांच और अनुसूचित जनजाति के 11 केन्द्र संचालित है।
आदिवासी लोककला और परम्परा को बढ़ावा देने और संरक्षित रखने के लिए देवगुड़ी निर्माण और मरम्मत के लिए शासन द्वारा एक लाख रूपए की राशि उपलब्ध कराने की जानकारी भी प्रदर्शित की गई है।
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