मुंबई, 10 अगस्त | अभिनेता नील नितिन मुकेश ने आगामी 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस को ध्यान में रखते हुए पशुओं की पीड़ा के बारे में जागरूकता बढ़ाने का निर्णय लिया।
विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटक आम तौर पर हाथी की सवारी का लुत्फ उठाते हैं।
भारत में पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स (पेटा ) के अपने दूसरे अभियान में नील अपनी आंखों से पट्टी हटाते नजर आ रहे हैं। इसके बाद वह कहते हैं, ‘उनकी पीड़ा से आंखें न मूंदें। जिन हाथियों को पर्यटन सवारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें जंजीरों से बांध कर रखा जाता है और पीटा जाता है।’
नील ने आईएएनएस से कहा, “जब मैं छोटा था तो मुझे हाथी की सवारी पसंद थी। लेकिन एक दिन ऐसा वाकया हुआ, जिसने मुझे प्रभावित किया। मैंने देखा कि हाथी से बुरा बर्ताव किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “बचपन से हम घर में भगवान गणेश की पूजा करते हैं, जिनका सिर हाथी का है। एक तरफ उनकी पूजा और दूसरी उन्हें प्रताड़ित करना विरोधाभासी है। मुझे लगा कि इसके लिए आवाज उठानी चाहिए।”
पेटा कमीशन ने नेपाल में हाथियों को सवारी के लिए दिए जाने वाले प्रशिक्षण की जांच की, जिससे इसका खुलासा हुआ कि उन्हें शारीरिक तथा भावनात्मक यातना दी जाती है। इन हाथियों को आम तौर पर जयपुर में पर्यटन सवारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
जांच से पता चला कि दो साल के हाथी के बच्चे को अपनी मां से दूर कर दिया जाता है और उन्हें भारी जंजीरों तथा रस्सियों के सहारे पेड़ से बांध दिया जाता है। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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