मध्य प्रदेश सरकार ने अधूरी या अपंजीकृत हाउसिंग योजनाओं की जानकारी देने वालों को पुरस्कार देने की घोषणा की है। पुरस्कार योजना एक जनवरी 2019 से लागू की जा रही है।
मध्य प्रदेश में अभी तक रेरा प्राधिकरण में 2044 परियोजनाओं का पंजीयन कराया गया है, जबकि अपंजीकृत 197 परियोजनाओं की पहचान की जाकर प्राधिकरण द्वारा उन पर कार्यवाही की जा रही है।
रियल इस्टेट के क्षेत्र में रेरा में अपंजीकृत, अपूर्ण या प्रगतिरत परियोजनाओं के बारे में जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा पुरस्कार योजना एक जनवरी 2019 से लागू की जा रही है।
प्राधिकरण के चेयरमेन अन्टोनी डिसा ने बताया कि पुरस्कार योजना के अंतर्गत यदि कोई प्रतिभागी रेरा में अपंजीकृत किसी अपूर्ण परियोजना की जानकारी प्राधिकरण को उपलब्ध कराता है, तो उसे एक हजार रूपये का पुरस्कार प्रदान किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि रेरा एक्ट के एक मई 2017 को लागू होने के पश्चात् रियल इस्टेट के क्षेत्र में सभी तरह की अपूर्ण प्रगतिरत एवं नई परियोजनाओं, जिनमें रहवासी कॉलोनी, शॉपिंग काम्पलेक्स शामिल है, का रेरा में पंजीयन कराया जाना अनिवार्य हो चुका है।
इन परियोजनाओं के अतिरिक्त भी कुछ प्रगतिरत परियोजनाएँ ऐसी हो सकती है, जो अभी भी रेरा में अपंजीकृत हो, जिनकी पहचान हेतु यह योजना लागू की जा रही है।
किसी परियोजनाओं के रेरा प्राधिकरण में अपूर्ण होने की जानकारी को प्राधिकरण के साथ वॉट्स एप नम्बर 8989880123 पर प्रेषित किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त इसे RERA.REWARD@gmail.com पर मेल के माध्यम से भेजा जा सकता है तथा इसे प्राधिकरण के कार्यालय में सचिव रेरा भवन, मेन रोड नम्बर 01, भोपाल-462016 को संबोधित करते हुए पंजीकृत डाक के माध्यम से भी भेजा जा सकता है।
जहाँ किसी प्रतिभागी द्वारा किसी अपूर्ण परियोजना के संबंध में प्रेषित जानकारी के परीक्षण उपरांत उस परियोजना के रेरा प्राधिकरण में पंजीयन नही होने की पुष्टि होती है, वहां ऐसे प्रतिभागी को एक हजार रूपये के पुरूस्कार की पात्रता होगी तथा उसका नाम पात्र प्रतिभागीयों की सूची में जोड़ा जाएगा।
इस पात्र प्रतिभागियों की सूची मे से प्रति 3 माह में एक पात्र प्रतिभागी का चयन लकी ड्रा के माध्यम से किया जायेगा। लकी ड्रा में चयनित पात्र प्रतिभागी को पूर्व के पुरूस्कार के अतिरिक्त 10 हजार रुपये की राशि प्रदान की जायेगी।
योजना की वैधता एक जनवरी 2019 से 31 मार्च 2019 तक रहेगी।
उल्लेखनीय है कि भू-संपदा परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने और आवंटियों के अधिकारों की प्रतिरक्षा करने हेतु रेरा एक्ट लागू किया गया है।
इसके अंतर्गत ऐसी परियोजनाओं का रेरा में पंजीयन कराया जाना आवश्यक है।
प्रदेश की सभी परियोजनाओं को रेरा में पंजीकृत करने के लिये भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण द्रण संकल्पित है।
योजना के अंतर्गत किसी परियोजना के रेरा में अपंजीकृत होने से संबंधित जानकारी को तभी वैध और विचारयोग्य माना जायेगा जब इसमें बिल्डर/संप्रवर्तक का नाम, उसका पता और संपर्क विवरण, भूमि का विवरण जहां ऐसी परियोजना स्थित हैं, के साथ-साथ परियोजना स्थल के कुछ फोटोग्राफ भी शामिल हो।
यदि किसी अपंजीकृत परियोजना की जानकारी एक से अधिक बार प्राप्त होती है तो केवल प्रथम प्राप्त जानकारी ही पुरस्कार हेतु विचारण में ली जायेगी।
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