उत्तराखंड में बद्रीनाथ और केदारनाथ Badrinath and Kedarnath के कपाट वैदिक मंत्रों और अनुष्ठानों के बाद देश-विदेश के
श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गए।
उत्तराखंड की चार धाम यात्रा में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम Badrinath and Kedarnath शामिल हैं।
यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जरूरत होने पर उपचार की समुचित व्यवस्था की गई हैं।
शीतकालीन अवकाश के बाद बद्रीनाथ Badrinath मंदिर के कपाट 10 मई को और केदारनाथ के कपाट 9 मई को खोले गए।
इस अवसर पर बद्रीनाथ Badrinath और केदारनाथ मंदिरों को फूलों से विशेष रूप से सजाया गया।
बद्रीनाथ Badrianath मंदिर के बाहर कपाट खुलने से पहले सर्द मौसम में भी आधी रात से ही भगवान शिव के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लग गईं थीं। श्रद्धालुओं में जबर्दस्त उत्साह दिखाई दे रहा था।
बद्रीनाथ धाम जाने के लिए उत्तराखण्ड में श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, जोशीमठ होते हुए पहुंचा जा सकता हैं।
बद्रीनाथ धाम चमोली जिले में है जबकि केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में है।
इसी तरह 9 मई को भगवान शिव के दर्शन करने की होड़ में देश भर से बड़ी संख्या में भक्त सर्दी को बर्दाश्त करते हुए केदारनाथ मंदिर पहुंच गए थे।
दोनों मंदिरों ने श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से विशेष पूजा की।
विधि विधान से साथ खुले बाबा केदारनाथ के कपाट राज्यपाल बेवी रानी मौर्य ने किये दर्शन।
09 मई को ग्याहरवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट श्रद्वालुओ के लिये खोले गय। इस मौके पर हजारों श्रद्वालुओं ने दर्षन किये।
भगवान केदारनाथ Kedarnath के कपाट विधि-विधान और पूजा अर्चना के बाद रावल भीमा शंकर लिंग की अगुवाई में बह्ममुहुर्त में 5ः35 बजे श्रद्वालुओं के लिये कपाट खोल दिये गये।
कपाट खुलने के बाद सबसे पहले रावल केदारनाथ ने ज्योर्तिलिंग अखण्ड ज्योति के दर्शन किये।
साथ ही पूर्व मुख्यमंन्त्री रमेश पोखरियाल निशंक, बद्री-केदारनाथ समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री, आयुक्त गढ़वाल मण्डल डाॅ बीवी आरसी पुरूषोत्तम, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल, पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, पुजारी केदार लिंग ने अखण्ड ज्योति के दर्शन किये।
अतिथियों के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किये।
उत्तराखण्ड की राज्यपाल
दर्शन और पूजा अर्चना के लिए उत्तराखण्ड की राज्यपाल श्रीमती बैवी रानी मौर्य प्रातः 9ः50 बजे हेलिकोप्टर से पहुंची।
केदारनाथ धाम में अधिक बर्फबारी होने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा सभी व्यवस्थाएं बेहतर ढंग से की गई है।
सिक्स सिग्मा हाई अल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस
आदिदेव के दर्शनार्थ आने वाले भक्तों को स्वस्थ रखने का जिम्मा इस बार भी सिक्स सिग्मा हाई अल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस को सौंपा गया है।
सिक्स सिग्मा हाई अल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस के मुख्य कार्याकारी अधिकारी डाॅ. प्रदीप भारद्वाज ने यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि आगामी केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।
उत्तराखण्ड सरकार ने केदारधाम में सिक्स सिग्मा हाई अल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस के लिए 20 बैड का स्थाई और पक्का अस्पताल बनाकर दिया है।
बेस कैम्प और रूद्रा प्वाइंट में ही आपातकालीन रोगियों को गहन चिकित्सा कक्ष में रखने और 24 घंटे आक्सीजन की सप्लाई की भी व्यवस्था होगी ।
नवनिर्मित हाॅस्पिटल में मुख्य चिकित्सा कैम्प लगाया जायेगा। जिसमें यात्रियों को सभी चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान की जायेगी।
इसके अलावा मेडिकल टीम मद्महेश्वर व तुगनाथ में भी स्वास्थ्य सेवाएं देगे।
उन्होने बताया कि इस बार मेडिकल सर्विस की टीम में 30 डाॅक्टरों समेत सौ वाॅलंटियर्स अपनी सेवाएं देगे।
डाॅक्टरों की टीम ह्नदय रोग, हड्डी रोग, कान, नाक एवं गला रोग, शिशु रोग, मातृत्व एवं स्त्री रोग, छाती रोग विशेषज्ञ अपनी सेवाएं देगे।
हृदय रोग से पीड़ित लोगों को आपातकालीन सेवाएं देने के लिए पाॅकेट ईसीजी यन्त्र प्रदान किए जायेगे।
डाॅक्टरों की क्विक रेस्पाॅन्स टीम को आपातकालीन संचार व्यवस्था से भी लैस किया जायेगा। जो कम से कम समय में पीड़ित के पास पहुंच सके।
केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं ऊचें पर्वत क्षेत्रों में आक्सीजन की कमी से भी जूझना पड़ता है। इस बार आक्सीजन सप्लाई की विशेष व्यवस्था की गयी है।
यदि कोई पीडित श्रद्धालु रोग के विशेषज्ञ से वार्ता कर मेडिसिन लेना चाहता है तो उसके लिए टेली-मेडिसिन की व्यवस्था भी की गयी है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने यात्रा के सम्बन्ध मंे जानकारी दी कि केदारनाथ धाम में पांच हजार यात्रियो की रहने की व्यवस्था कर दी गयी है और छानी व लिनचोली में दो हजार पांच सौ यात्रियों की रहने व्यवस्था की गयी है।
उन्होने बताया कि धाम में सौ क्विंटल लकडी अलाव के लिए पहुंच गयी है। इस समय अलाव की संख्या बढा दी गयी है ।
रूद्रप्रयाग से गौरीकुण्ड तक सड़क का मलवा हटा दिया गया है। सभी सड़के सुचारू रूप् से आवागमन के लिए ठीक कर दी गई हैं।
पैदल मार्ग के पडा़व
आयुक्त गढ़वाल डाॅ0 बीवी आरसी पुरूषोत्तम ने गौरीकुण्ड से केदारनाथ धाम तक पैदल मार्ग के पडा़वों पर श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं का स्थलीय निरीक्षण किया।
पैदल मार्ग के पड़ावों पर श्रद्धालुओं को पानी, बिजली, शौचालय, ठहरने एवं स्वास्थय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
सानेप्रयाग में घोडे खच्चर पंजीकरण, बायोमैट्रिक पंजीकरण भी हांगा।
आयुक्त गढ़वाल मण्डल डाॅ0 बीवी पुरूषोत्तम ने गौरीकुण्ड में तप्तकुण्ड, घोडा पड़ाव का निरीक्षण किया।
आयुक्त द्वारा विभिन्न यात्रा पड़ावों में स्थित एमआरपी राजकीय चिकित्सा इकाई में जाकर डाक्टरों एवं कर्मचारियों से श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधा के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा दवाईयों एवं अन्य सामग्री का भी निरीक्षण किया।
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