हरियाणा का बहादुरगढ़ 24 जून, रविवार को दिल्ली मेट्रो से जुड़ गया। गुरुग्राम और फरीदाबाद के बाद अब बहादुरगढ़ हरियाणा का तीसरा बड़ा क्षेत्र है जो दिल्ली मेट्रो से कनेक्ट हुआ है।
आज के इस लोकार्पण के बाद, हरियाणा में मेट्रो नेटवर्क की लंबाई 26 किलोमीटर तक पहुंच गई है।
शुभारम्भ पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सबसे पहले हरियाणा और दिल्ली के लोगों को बहादुरगढ़-मुंडका मेट्रो लाइन शुरू होने पर बहुत-बहुत बधाई।
मोदी ने कहा कि अभी दिल्ली-NCR में करीब 280 किलोमीटर मेट्रो लाइन ऑपरेशनल है। जिस तेजी से इसका विस्तार हो रहा है, बहुत जल्द शंघाई, बीजिंग, लंदन और न्यूयॉर्क के बाद, दुनिया के पांचवे सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क के तौर पर दिल्ली मेट्रो की पहचान होगी।
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मोदी ने कहा कि दिल्ली में मेट्रो ने लोगों का जीवन बदला है, उसका गवाह हर वो व्यक्ति है, जिसने कभी न कभी इसमें सफर किया है। मैं भी कई बार दिल्ली मेट्रो में सफर कर चुका हूं। आज से ये अनुभव बहादुरगढ़-मुंडका लाइन पर चलने वाले लोगों को भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बहादुरगढ़ में तेजी के साथ विकसित होते उद्योगों की वजह से काफी अरसे से मेट्रो का इंतजार हो रहा था। ऐसे तो बहादुरगढ़ को ‘गेट वे आॅफ हरियाणा’ कहा जाता है लेकिन ये मेट्रो लाइन यहां विकास का गेट वे बनकर पहुंची है।
मोदी ने कहा कि 2017 में देश की पहली मेट्रो पॉलिसी के बनाने के बाद इन सब चीजों पर ध्यान दिया जा रहा है। लोगों को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन और फिर अपने घर या दफ्तर तक पहुंचने में परेशानी ना हो इसके लिए शहरों के पूरे ट्रांसपोर्ट सिस्टम का इंटीग्रेशन किया जा रहा है।
मोदी ने कहा कि देश में कहीं भी मेट्रो बने, लेकिन एक तय स्टैंडर्ड पर काम करेगी।साथियों, 21वीं सदी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शहरों में स्मार्ट, सुलभ, सस्ता और साफ-सुथरा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम देना इस सरकार की प्रतिबद्धता है।
उन्होंने कहा कि आज देश के 12 शहरों में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। देश के दूसरे शहरों को भी मेट्रो से जोड़ने के लिए राज्य सरकारों को प्रेरित किया जा रहा है। इसके साथ ही मेट्रो के डिब्बे भी देश में तैयार करने का काम किया जा रहा है।
गुजरात के वड़ोदरा और तमिलनाडु के चेन्नई में आधुनिक प्लांट बनाए गए हैं , मेट्रो प्रोजेक्ट्स में Make In India को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने Procurement की पॉलिसी को बदला है और लगभग 75 प्रतिशत भारत में बना सामान लगाना अनिवार्य किया गया है।
उन्होंने मेट्रो की व्यवस्था हमारे अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और सहयोग का भी एक बेहतरीन उदाहरण है। पहले कई देशों ने मेट्रो के लिए हमारी मदद की, अब भारत दुनिया के कई देशों को मेट्रो के कोच की सप्लाई करने के लिए तैयार हो रहा है।
ना सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय संबंध बल्कि Co-operative Federalism कैसे काम करता है उसका भी ये प्रमाण है। आज देश के जिन-जिन राज्यों में भी मेट्रो बन रही है वो केंद्र और राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी से बन रही है।
प्रधानमंत्री के संबोधन की कुछ खास बातें:
- दिल्ली-NCR में जितना मेट्रो नेटवर्क विकसित हुआ है उसने हर रोज़ लगभग 6 लाख गाड़ियों की जरूरत को खत्म किया है।
- मेट्रो ने लोगों का समय बचाया है, पैसा बचाया है और प्रदूषण भी कम करने का काम किया है।
- दिल्ली को हाई स्पीड रेल के माध्यम से सोनीपत, अलवर और मेरठ से जोड़ने के लिए रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर भी काम चल रहा है।
- New India के लिए New और Smart Infrastructure इस सरकार का कमिटमेंट है।
- बीते चार वर्षों में रोड, रेलवे, एयरवे, वॉटरवे और बिजली से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर सबसे अधिक निवेश किया गया है।
- करगिल से लेकर कन्याकुमारी तक कच्छ से लेकर कामाख्या तक कनेक्टिविटी पर बल दिया जा रहा है।
- सबसे लंबी सुरंगें हों या फिर सबसे पड़े पुल, एक के बाद एक सारे प्रोजेक्ट समय-सीमा में पूरे किए जा रहे हैं।
- भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत देश में 35 हजार किलोमीटर लंबे आधुनिक हाईवेज का जाल बिछाने का काम शुरू किया गया है।
- आने वाले समय में एक तरफ जहां सौ से ज्यादा वॉटरवेज, बुलेट ट्रेन, देश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में बड़ा बदलाव लायेंगे वहीं छोटे-छोटे शहरों में विकसित होते एयरपोर्ट,लोगों का हौसला आसमान तक पहुंचाने का काम करेंगे।
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