बेंगलुरू, 4 मार्च | एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन शनिवार को भारतीय टीम इस बार आस्ट्रेलिया के एक अन्य स्पिन गेंदबाज नाथन लॉयन के आगे घुटने टेकती नजर आई। लॉयन ने आठ विकेट चटकाते हुए भारत की पहली पारी 189 रनों पर समेट दी।
इसके बाद सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर (नाबाद 23) और मैट रेनशॉ (नाबाद 15) ने दिन का खेल खत्म होने तक बिना किसी विकेट गंवाए 40 रन बनाते हुए टीम को अच्छी शुरुआत दी।
फोटो : भारतीय कप्तान विराट कोहली का विकेट गिरने पर जश्न मनाते आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी। (आईएएनएस)
दोनों बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों के शुरुआती विकेट लेने की हर कोशिश को नाकाम कर दिया। सातवें ओवर में भारत के पास विकेट लेने का मौका था लेकिन ईशांत शर्मा की गेंद पर अजिंक्य रहाणे ने गली में वार्नर का कैच छोड़ दिया। वार्नर उस समय नौ के निजी स्कोर पर खेल रहे थे।
लॉयन इस मैच में शानदार प्रदर्शन कर भारत में किसी मेहमान टीम की तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले गेंदबाज बन गए हैं। उन्होंने इस पारी में 50 रन देकर आठ विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका के लांस क्लूजनर को पीछे छोड़ा। क्लूजनर ने नवंबर 1996 में कोलकाता में 64 रन देकर आठ विकेट लिए थे। इसके अलावा लॉयन भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले आस्ट्रेलियाई गेंदबाज भी बन गए। रविचंद्रन अश्विन को आउट कर उन्होंने इस मामले में ब्रेट ली को पीछे छोड़ा।
ली के नाम भारत के खिलाफ 53 विकेट हैं, जबकि लॉयन ने अश्विन का विकेट हासिल करते ही ली को पीछे छोड़ दिया। लॉयन का यह टेस्ट की एक पारी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। इससे पहले उन्होंने नौ दिसंबर 2014 को भारत के खिलाफ ही ऐडिलेड में खेले गए मैच की दूसरी पारी में सात विकेट लिए थे।
दिन का खेल खत्म होने के बाद लॉयन ने कहा, “मैंने भारत दौरे पर आने से पहले अश्विन के ढेरों वीडियो देखे, लेकिन मैंने अपनी स्वाभाविक उछाल हासिल करने की योग्यता का ही इस्तेमाल किया। चिन्नास्वामी की पिच पर कई जगहें क्रैक थीं और मेरी कोशिश क्रैक पर गेंदबाजी करने की थी।”
इससे पहले टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम लॉयन की फिरकी के सामने टिक नहीं पाई। उसने पहले सत्र में दो, दूसरे सत्र में तीन और तीसरे सत्र में पांच विकेट गंवाए। भारत के लिए सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल (90) संघर्ष करने वाले एकमात्र बल्लेबाज रहे। राहुल ने 205 गेंदों की संयम और सूझबूझ भरी पारी में नौ चौके लगाए। वह भी लॉयन का शिकार हुए।
लॉयन के अलावा मिशेल स्टार्क और ओकीफ ने एक-एक विकेट लिया।
भारत ने भोजनकाल तक दो विकेट खोकर 72 रन बनाए थे। पहले बल्लेबाजी करने उतरी मेजबान टीम को अभिनव मुकुंद के रूप में पहला झटका लगा। साढ़े पांच साल बाद टीम में वापसी कर रहे मुकुंद, स्टार्क की फुलटॉस गेंद पर क्रॉस शॉट खेलने गए, लेकिन गेंद सीधे उनके पैड पर जा लगी। अंपायर ने उन्हें पगबाधा करार दिया। मुकुंद आठ गेंद खेलने के बाद भी खाता नहीं खोल पाए। वह तीसरे ओवर में 11 के कुल स्कोर पर आउट हुए।
इसके बाद उतरे चेतेश्वर पुजारा (17) ने राहुल के साथ 61 रनों की साझेदारी कर भारत को शुरुआती झटके से उबारा। लॉयन ने 28वें ओवर की पांचवीं गेंद पर उन्हें आउट कर भारत को दूसरा झटका दिया और इसी के साथ भोजनकाल की घोषणा कर दी गई।
दूसरे सत्र में राहुल ने अपना अर्धशतक पूरा किया। कप्तान विराट कोहली (12) राहुल का ज्यादा देर साथ नहीं दे सके और लॉयन की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए। इस पर कोहली ने रिव्यू भी मांगा, लेकिन यह उनके खिलाफ ही गया। कोहली 88 के कुल स्कोर पर आउट हुए।
लॉयन इस मैच को मिलाकर कोहली और पुजारा को पांच-पांच बार आउट कर चुके हैं। उनसे ज्यादा कोई और गेंदबाज इन दोनों बल्लेबाजों को टेस्ट में इतनी बार आउट नहीं कर पाया है।
उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे (17) ने राहुल का साथ देने की कोशिश की। यह साझेदारी मजबूत हो रही थी तभी लॉयन ने मेजबानों को चौथा झटका दिया। रहाणे ने लॉयन की गेंद को आगे बढ़कर मारने का प्रयास किया लेकिन बीट हो गए और मैथ्यू वेड ने उन्हें स्टम्प कर दिया। दोनों ने मिलकर 30 रन जोड़े।
इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक लगाने के बाद इस मैच में पहली बार अंतिम एकादश में शामिल किए गए करुण नायर (26) भी अच्छी शुरुआत को आगे नहीं बढ़ा पाए।
चायकाल तक भारत का स्कोर पांच विकेट के नुकसान पर 168 था। तीसरा सत्र खेलने उतरी भारतीय टीम के खाते में छह रन ही जु़ड़े थे कि अश्विन (7) को लॉयन ने पवेलियन पहुंचाया। इसके बाद लॉयन ने रिद्धिमान साहा (1), रवींद्र जडेजा (3), राहुल और ईशांत शर्मा (0) को पवेलियन भेज भारतीय पारी का अंत किया।
आस्ट्रेलिया चार मैचों की श्रृंखला में 1-0 से आगे है। –आईएएनएस
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