नई दिल्ली, 14 नवंबर | देशभर के बैंकों ने अपने-अपने कर्मचारियों के लिए सोमवार को चेतावनी जारी की है कि वे अवैध लेन-देन न करें अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से आठ नवंबर को 500 और 1,000 के पुराने नोटों को अवैध घोषित कर दिया, जिसके बाद देश के कई हिस्सों से बैंक कर्मचारियों की मदद से अवैध तरीके से काली कमाई को सफेद करने के मामले सामने आए हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ऐसी कुछ शिकायतें मिली हैं कि बैंककर्मी ने बिना जमाकर्ता की पहचान किए पुराने अमान्य नोट खाते में जमा किए या बदलकर नए नोट दिए।
ऐसे भी आरोप लगे हैं कि कुछ बैंककर्मियों ने अपने जान-पहचान के लोगों को निर्धारित की गई सीमा से अधिक खुले पैसे दिए, वह भी बिना किसी रिकॉर्ड के।
गौरतलब है कि सरकार ने विमुद्रीकरण के बाद 24 नवंबर तक पुराने अमान्य नोटों को बदलने की सीमा 4,000 रुपये प्रतिदिन तय की थी, जिसे रविवार को बढ़ाकर 4,500 रुपये कर दिया गया है।
पुराने बड़े नोटों के अवैध घोषित होने के बाद छोटे नोटों की मांग बढ़ गई है और बैंकों तथा एटीएम बूथों के बाहर पिछले पांच दिनों से लगातार लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों को सोमवार को उच्च अधिकारियों से इस तरह के निर्देश मिले हैं कि वे हर लेनदेन के लिए ग्राहक का ब्योरा जरूर दर्ज करें।
बैंक शाखाओं को भेजे निर्देश में कहा गया है, “सभी को यह स्पष्ट किया जा रहा है कि नकदी बदलने की पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो रही है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को भेजा जाएगा। सूचित किया जाता है कि निर्देशों का पालन न करने पर आरबीआई और बैंक सख्त कार्रवाई करेंगे।”
कई अन्य बैंकों ने भी अपने शाखाओं को हर तरह के लेनदेन पर कड़ी निगरानी रखने और हर लेनदेन से संबंधित ग्राहक का ब्योरा दर्ज करने का निर्देश जारी किया है। –आईएएनएस
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