बैंक कर्मचारियों की 48 घंटों की हड़ताल के गुरूवार को भी जारी रहने की संभावना है। अनुमानों के मुताबिकए कुल शाखाओं में से केवल 25 प्रतिशत में ही काम हुआ।
बैंक कर्मचारियों ने देश के सभी राज्यों में अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किये, नारे लगाये और सरकार से अपने जायज हक मांगे।
विभिन्न सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैंकों के 80 प्रतिशत एटीएम से लोगों को नकदी निकालने में कोई परेशानी नहीं हुई और रात तक उनमें लकदी मौजूद थी।
वेतन बढ़ाने और सेवाओं में सुधार की मांग को लेकर बैंकों के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों की दो दिन 30 और 31 मई की हड़ताल के पहले दिन बुधवार को देश में बैंकिेग सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। इससे व्याापार जगत और लोगों को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
इस हड़ताल में 21 सरकारी बैंकों,12 निजी बैंकों और 5 विदेशी बैंकों के कर्मचारी शामिल हैं। बैंक कर्मचारियों के संगठनों ने हड़ताल को ऐतिहासिक और बिग बैंग कहा है।
भारत के वाणिज्य और उद्योग परिसंध(एसोचैम) के अनुसार इससे 20 हजार करोड़ रुपये के नुकसान होने की संभावना है।
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