रांची, 25 नवंबर (जसं। झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने महाजनी प्रथा के विरुद्ध संथाल हूल का बिगुल फूंकने वाले अमर शहीद सिदो – कान्हों और उलगुलान का ऐलान करनेवाले भगवान् बिरसा मुंडा को सच्ची श्रद्धांजलि दी है और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के संघर्ष को वास्तविक अर्थों में यथोचित सम्मान दिया है |
मुख्यमंत्री रघुवर दास की पहल पर राज्य सरकार ने झारखण्ड में महाजनी प्रथा, साहूकारी एवं अवैध सूदखोरी व्यवसाय को पूरी तरह बंद करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है | इस प्रावधान को क़ानून की शक्ल देने की आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए मंत्रिपरिषद ने ‘झारखण्ड निजी साहूकार (निषेध) विधेयक 2016’ को स्वीकृति दे दी है और विधानसभा ने भी इसे पारित कर दिया है |
इस क़ानून के प्रावधानों के अनुसार अब कोई व्यक्ति किसी वस्तु, संपत्ति, जमीन, स्वर्ण आदि बंधक या रेहन रखकर साहूकारी या सूदखोरी का व्यवसाय नहीं कर सकेगा | यदि कोई व्यक्ति इस क़ानून का उल्लंघन कर सूदखोरी या साहूकारी का व्यवसाय करेगा तो उसे तीन वर्ष तक के कारावास एवं पांच हजार रुपये तक का अर्थ दंड दिया जाएगा | यदि किसी व्यक्ति को इस क़ानून के तहत एक बार सजा हो चुकी है और उसके विरुद्ध दोबारा इस क़ानून के उल्लंघन का दोष सिद्ध होता है तो उसे पांच वर्ष तक के कारावास एवं दस हजार रुपये का आर्थिक दंड दिया जाएगा |
(फाइल फोटो)
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