सरकार का 15,000 रुपये तक मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कागकारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजन शुरू करने का प्रस्ताव है।
संसद में आज वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए केन्द्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आधा हिस्सा असंगठित क्षेत्र के उन 42 करोड़ कामगारों के पसीने और कठोर परिश्रम से आता है, जो रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक, निर्माण मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, कृषि कामगार, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार और इसी प्रकार के अनेक अन्य कार्यों में लगे हुए हैं।
सरकार को उनकी वृद्धावस्था के दौरान उन्हें व्यापक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। इसलिए ‘आयुष्मान भारत’ के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवा और ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना’ के अंतर्गत प्रदान किए गए जीवन और दिव्यांगता संबंधी बीमा कवरेज के अलावा सरकार ने असंगठित क्षेत्र के उन कामगारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना आरंभ करने का प्रस्ताव किया है, जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये या उससे कम है।
गोयल ने कहा कि इस पेंश्न योजना से वे अपनी कार्यशील आयु के दौरान एक छोटी सी राशि के मासिक अंशदान से 60 वर्ष की उम्र से 3000 रुपये की निश्चित मासिक पेंशन प्राप्त कर सकेंगे। 29 वर्ष की उम्र में इस पेंशन योजना से जुड़ने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगार को केवल 100 रुपये प्रति माह का अंशदान 60 वर्ष की उम्र तक करना होगा। 18 वर्ष की उम्र में इस पेंशन योजना में शामिल होने वाले कामगार को सिर्फ 55 रुपये प्रति माह का अंशदान करना होगा। सरकार हर महीने कामगार के पेंशन के खाते में इतनी ही राशि जमा करेगी।
उम्मीद है कि अगले पांच वर्ष में असंगठित क्षेत्र के कम से कम 10 करोड़ श्रमिकों और कामगारों को प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना का लाभ मिलेगा, जिससे यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन योजनाओं में से एक बन जाएगी।
इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की जाएगी।
इस योजना को इस वर्ष से ही लागू किया जाएगा।
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