निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार 22 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली तथा सिक्किम से राज्यसभा के लिए द्विवार्षिक चुनाव के तारीखों की घोष्णा करदी है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली तथा सिक्किम राज्य से राज्यसभा के लिए द्विवार्षिक चुनाव तथा उत्तर प्रदेश से राज्य सभा के लिए उपचुनाव कराने के कार्यक्रम की घोषणा करदी है।
इस बारे में अधिसूचना 29 दिसम्बर, 2017 (शुक्रवार) को जारी की जाएगी। नामांकन की अंतिम तिथि 5 जनवरी, 2018 (शुक्रवार) है जबकि नामांकन पत्रों की जांच 6 जनवरी, 2018 (शनिवार)को कीजाएगी। नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 8 जनवरी, 2018 (सोमवार) है।
मतदान 16 जनवरी, 2018 (मंगलवार) को किया जाएगा । मतदान का समय प्रात: 9.00 से सायं 4.00 बजे तक रखा गया है। मतों की गिनती 16 जनवरी, 2018 (मंगलवार) 5.00 बजे तक है। 22 जनवरी, 2018 (सोमवार) के पहले निर्वाचन पूरा होगा।
दो राज्यों दिल्ली और सिक्किम से राज्यसभा के चार सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ये सदस्य हैं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से डॉ. कर्ण सिंह, जनार्दन द्विवेदी और परवेज हाशमी। इन तीनों सदस्यों का कार्यकाल 27 जनवरी,2018 को समाप्त होरहा है। वहीं सिक्किम से राज्यसभा सदस्य हिशे लाचुंगपा का कार्यकाल भी 23 फरवरी,2018 को समाप्त होरहा है।
इसके अतिरिक्त एक सदस्य मनोहर पर्रिकर द्वारा 2 सितम्बर, 2017 को दिये गए इस्तीफे के कारण उत्तर प्रदेश से राज्य सभा के लिए एक सीट रिक्ति हुई , जिसका कार्यकाल 25 नवंबर,2020 तक था।
राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की तीन सीटें हैं। इन सीटों पर निर्वाचित सदस्य डॉ. कर्ण सिंह, जर्नादन द्विवेदी और परवेज हाशमी का कार्यकाल 27 जनवरी, 2018 को समाप्त हो जाएगा। इसलिए 27 जनवरी, 2018 को नियमित आधार पर रिक्त होने वाली सीटों को भरने के लिए द्विवार्षिक चुनाव कराने होंगे।
तीनों रिक्तियों को तीन अलग-अलग चुनाव से इस विषय पर कानून के अनुसार भरा जाएगा। ये तीनों रिक्तियां तीन अलग-अलग चक्रों में आती है, जिसका निर्धारण 1952 में राज्य सभा के प्रारंभिक गठन के समय किया गया था।
तीन अलग-अलग चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के निर्णय को माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय में सिविल रिट याचिका संख्या 1954 के 132 (ए.के.वालिया बनाम भारत संघ तथा अन्य) के माध्यम से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से चुनौती दी गई और कहा गया कि सभी तीनों रिक्तियों के चुनाव साझा चुनाव के जरिये कराया जाए, क्योंकि राज्य सभा के चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से होते हैं।
माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी, 1994 को याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा –‘हमारा मत है कि एक बार प्रारंभ से ही सीटों को तीन श्रेणियों में विभाजित करने से प्रतिवादी द्वारा प्रत्येक श्रेणी के लिए अलग-अलग चुनाव कराना उचित है। अब ये तीनों सीटें तीन अलग-अलग श्रेणियों में आती है, इसलिए इन तीन सीटों के लिए चुनाव भी अलग-अलग कराने होगे’।
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से 27 जनवरी, 2018 को रिक्त होने वाली तीनों सीटें अलग-अलग द्विवार्षिक चुनाव से भरी जाएंगी।
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