हाजीपुर, 6 सितम्बर | बिहार में बाढ़ के बाद पीड़ितों को सुविधा मुहैया कराने को लेकर एक ओर जहां सभी राजनीतिक दल बयानबाजी में जुटे हैं तो वहीं वैशाली जिले के राघोपुर प्रखंड पंचायात के एक मुखिया ने राजनीति से ऊपर उठकर पंचायत के सभी बाढ़ पीड़ितों को अगले तीन से छह महीने तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत मिलने वाले अनाज का पैसा देने की घेषणा की है।
बाढ़ का कहर थमने के बाद राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के सैदपुर गणेश पंचायत के लोग वापस अपने घरों को लौट रहे हैं, लेकिन उनकी जिंदगी जीने की जद्दोजहद बाकी है। इन बाढ़ पीड़ितों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन्हें घर की रोटी कब नसीब होगी। बाढ़ में इनका आशियाना तबाह होने के बाद इनके पास कुछ नहीं बचा है।
ऐसे में राघोपुर में सैदपुर गणेश पंचायत के मुखिया कमल कुमार ने अपने क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों को पीडीएस प्रणाली से मिलने वाले अनाज का पैसा (तीन महीने से छह महीने का) देने की घोषणा की है।
कमल कुमार ने आईएएनएस से कहा कि बाढ़ किसी भी इलाके के लिए एक त्रासदी है। बाढ़ के बाद किसी के पास कुछ नहीं बचता। कई बाढ़ पीड़ितों के पास पीडीएस से मिलने वाले अनाज को खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं। ऐसे में एक जनप्रतिनिधि होने के नाते यह मेरा दायित्व ही नहीं कर्तव्य भी है कि इन्हें राशन मुहैया हो।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान जब इस क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों से मिलने आए थे तब उन्होंने कहा था कि केन्द्र सरकार के दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं और तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल सब्सिडी रेट पर गरीबों को दे रही है। ऐसे में राज्य सरकार को इस संकट की घड़ी में सभी बाढ़ पीड़ितों को छह महीने तक मिलने वाले अनाज मुफ्त में बांटना चाहिए।
कमल कहते हैं कि वे पूरे राज्य में तो यह सुविधा नहीं दे सकते, लेकिन जिन्होंने उन्हें मुखिया बनाया है, उनके लिए तो ऐसा कर ही सकते हैं। पासवान के बयान से प्रभावित होकर युवा मुखिया ने यह घोषणा कर दी है।
मुखिया ने कहा कि तीन महीने तक अगर बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी सामान्य नहीं हो पाती तो अलगे तीन महीनों के आनाज का पैसा भी वह भुगतान करेंगे।
गांव के लोगों ने मुखिया के इस पहल की सराहना की है। गांव के ललन कुमार कहते हैं कि मुखिया की यह एक अच्छी पहल है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मुखिया के इस पहल की सराहना होनी चाहिए, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
मुखिया की यह घोषणा भले ही बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत देने वाली हो, लेकिन वैशाली की जिला कलेक्टर रचना पाटिल कहती हैं कि यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर मुखिया को कुछ सहायता ही करनी है तो राशि को सरकारी फंड में जमा करा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुखिया की इस घोषणा से कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं आनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक तेजस्वी प्रसाद यादव हैं जो राज्य के उपमुख्यमंत्री भी हैं।
वहीं, भोलपुर इस्सर मध्य विद्यालय के शिक्षक संतोष कुमार ने मुखिया के इस अनोखी पहल को सही बताते हुए कहा कि यह एक जनप्रतिनिधि की अच्छी पहल है। इस पहल से अन्य जनप्रतिनिधियों को भी सीख लेनी चाहिए। –आईएएनएस
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