पटना, 30 जुलाई| बिहार के 10 जिलों में बाढ़ की स्थिति शनिवार को भी गंभीर बनी हुई है, लेकिन कुछ नदियों के जलस्तर में कमी आने या स्थिर रहने के कारण बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने राहत की सांस ली है। बाढ़ से राज्य के 10 जिलों के 22 लाख लोग प्रभावित हैं तथा अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार और सुपौल के साथ सहरसा और गोपालगंज जिले के करीब 49 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं।
फोटो: बिहार के कटिहार जिले में आई बाढ़ से जलमग्न एक गांव। (आईएएनएस)
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में कुछ कमी दर्ज की गई है, जबकि कोसी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है।
बाढ़ नियंत्राण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता विवेक मंडल ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि दोपहर 12 बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 1़80 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि वाल्मीकिनगर बैराज में गंडक का जलस्तर करीब दो लाख क्यूसेक था। पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी के जलस्तर में भी कमी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि बागमती नदी ढेंग में, कमला बलान नदी झंझारपुर में, महानंदा नदी झावा और ढंगेराघाट में खतरे के निशान से उपर बह रही है, जबकि सीतामढ़ी व शिवहर में बागमती नदी का जलस्तर भी कम हुआ है।
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक सुपौल के बसुआ, खगड़िया के बलतारा और कटिहार के कुरसेला में कोसी के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है।
नदियों के जलस्तर में कमी होने पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 369 राहत शिविरों में दो लाख से ज्यादा लाख लोग शरण लिए हुए हैं। पालतू जानवरों के लिए भी 39 शिविर स्थापित किए गए हैं।
बाढ़ से अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें सुपौल में आठ, पूर्णिया में सात, किशनगंज में पांच, कटिहार व मधेपुरा में दो-दो तथा अररिया व सहरसा के एक-एक लोग शामिल हैं।
विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि नदियों में पानी घटने के बाद बीमारियां फैलने की आशंका को लेकर प्रशासन सतर्क है। चिकित्सकों की 102 टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। –आईएएनएस
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